Maratha community
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मराठा समुदाय को बचाने के लिए लिया ये निर्णय... महाराष्ट्र चुनाव से यू-टर्न पर मनोज जरांगे ने दी सफाई

मराठा समुदाय को बचाने के लिए लिया ये निर्णय...  महाराष्ट्र चुनाव से यू-टर्न पर मनोज जरांगे ने दी सफाई आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को दावा किया कि वे महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य का राजनीतिक परिदृश्य बदल सकते हैं। चुनाव से दूर रहने का फैसला लेकर मराठा आरक्षण की लड़ाई को जीवित रखा है। जरांगे ने कहा कि अगर वे चुनावी मैदान में उतरते, तो मराठा समुदाय बंट सकता था। जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय पहले ही निशाने पर है। उन्होंने कहा कि ‘‘अगर हम चुनाव लड़ते, तो समुदाय में विभाजन पैदा हो सकता था।”
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मनोज जरांगे पाटील का बड़ा ऐलान... मराठा समाज विधानसभा चुनाव लड़ेगा 

मनोज जरांगे पाटील का बड़ा ऐलान...  मराठा समाज विधानसभा चुनाव लड़ेगा  मराठा बहुल सीटों पर उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने का नुकसान महायुति और महा विकास आघाडी दोनों को हो सकता है। वैसे, जरांगे का गुस्सा आघाडी से ज्यादा देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी पर रहा है, इसलिए कुछ लोगों का मानना है कि बीजेपी को ज्यादा नुकसान होगा। वहीं, कुछ जानकार यह भी दावा कर रहे हैं कि मराठा उम्मीदवार चुनाव मैदान में होने से ओबीसी वोटर्स का ध्रुवीकरण होगा। ऐसे में, अगर महा विकास आघाडी और महायुति ने ओबीसी उम्मीदवार दिए, तो दोनों के बीच वोटों का विभाजन होगा और दोनों को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
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आरक्षण पर मराठा समुदाय को शरद पवार ने दिया धोखा...

आरक्षण पर मराठा समुदाय को शरद पवार ने दिया धोखा... 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग अधिनियम, 2018 को रद्द कर दिया, जिसने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा के उल्लंघन का हवाला देते हुए मराठा समुदाय को आरक्षण दिया था। वर्तमान में, मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करके अपने समुदाय के लिए कोटा की जोरदार मांग कर रहे हैं।
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मराठा समुदाय को बड़ी सौगात... शिक्षा और नौकरियों में 10% आरक्षण का बिल महाराष्ट्र विधानसभा में पास

मराठा समुदाय को बड़ी सौगात... शिक्षा और नौकरियों में 10% आरक्षण का बिल महाराष्ट्र विधानसभा में पास मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में यह आरक्षण बिल पेश करते हुए इसे पूर्ण समर्थन के साथ पारित करने की अपील की थी. हालांकि सत्ताधारी गठबंधन के सदन छगन भुजबल सहित कुछ विपक्षी नेता इसके विरोध में उठ खड़े हुए. इसके बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस बिल को सर्वसम्मति से पास करने की अपील की, जिसे विपक्ष के नेता विजय वेडेत्तिवार मान गए. और इसके बाद मराठा आरक्षण का यह बिल ध्वनिमत से निचली सदन से पास हो गया.
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