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Read More... विशेष एनडीपीएस अदालत ने 23 वर्षीय पहलवान काइल कमिंग्स को जमानत से किया इनकार...
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By Online Desk
विशेष एनडीपीएस अदालत ने 23 वर्षीय पहलवान काइल कमिंग्स को जमानत देने से इनकार कर दिया है, जिसे मई में कथित तौर पर 230 ग्राम एमडीएमए ऑर्डर करने के लिए उसके दो दोस्तों के साथ गिरफ्तार किया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, कमिंग्स पर अवैध पदार्थों मेथमफेटामाइन और एमडीएमए के आयात की व्यवस्था करने का आरोप है। उसने कथित तौर पर पुणे में ड्रग्स की नियंत्रित डिलीवरी प्राप्त करने के लिए सह-आरोपी श्रवण जोशी और आर्यन हल्दांकर के साथ समन्वय किया और खेप के भुगतान की सुविधा प्रदान की।
Read More... अभिषेक घोसालकर हत्याकांड : काेर्ट ने मौरिस नोरोन्हा के बॉडीगार्ड को दी जमानत...
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By Online Desk
मौरिस नोरोन्हा ने फरवरी में ‘फेसबुक लाइव’ के दौरान घोसालकर की गोली मारकर हत्या कर दी थी और फिर खुद को भी गोली मार ली थी। कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहे नोरोन्हा को दुष्कर्म के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह करीब पांच महीने जेल में रहा था। घटना के बाद उसकी पत्नी ने पुलिस को बताया कि घोसालकर (40) और नोरोन्हा के बीच झगड़ा चल रहा था। नोरोन्हा को संदेह था कि घोसालकर ने उसे दुष्कर्म के मामले में फंसाया है।
Read More... गंभीर मामलों में देरी जमानत का कोई आधार नहीं है - हाई कोर्ट
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By Online Desk
उच्च न्यायालय ने कहा कि सामूहिक बलात्कार जैसे गंभीर आरोपों की सुनवाई में देरी जमानत देने का आधार नहीं हो सकती। साथ ही नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया गया. प्रार्थी दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध के तहत जेल में है।
Read More... SC ने कहा जमानत की शर्त के तहत अदालतें लोगों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से नहीं रोक सकतीं
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By Online Desk
उच्च न्यायालय ने अगस्त 2022 में उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए यह शर्त लगाई थी। शीर्ष अदालत ने अपने 22 मार्च के आदेश में कहा, हमने पाया है कि ऐसी शर्त लगाने से अपीलकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा और ऐसी कोई शर्त नहीं लगाई जा सकती है। इसमें कहा गया है, इसलिए, हम उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई शर्त को उस सीमा तक रद्द और खारिज करते हैं, जैसा कि ऊपर बताया गया है। दास ने जमानत पर रिहाई का निर्देश देते हुए 11 अगस्त, 2022 के आदेश में लगाई गई शर्त में संशोधन की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
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