मुंबई: परियोजना पीड़ितों को अब मकान के बजाय मिलेगा 25 लाख रुपये से 40 लाख रुपये के बीच नकद मुआवजा
Mumbai: Project victims will now get cash compensation between Rs 25 lakh and Rs 40 lakh instead of houses
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मुंबई में परियोजना पीड़ितों को अब मकान के बजाय नकद मुआवजा मिलेगा। यह मुआवजा न्यूनतम 25 लाख रुपये से अधिकतम 40 लाख रुपये के बीच होगा। मुंबई क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण ने अपनी 159वीं बैठक में इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। बैठक की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री और प्राधिकरण के अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने की। उधर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि प्राधिकरण का यह फैसला मुंबई के बुनियादी ढांचे को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुंबई: मुंबई में परियोजना पीड़ितों को अब मकान के बजाय नकद मुआवजा मिलेगा। यह मुआवजा न्यूनतम 25 लाख रुपये से अधिकतम 40 लाख रुपये के बीच होगा। मुंबई क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण ने अपनी 159वीं बैठक में इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। बैठक की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री और प्राधिकरण के अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने की। उधर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि प्राधिकरण का यह फैसला मुंबई के बुनियादी ढांचे को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एमएमआरडीए ग्रेटर मुंबई में छह हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए जिम्मेदार है। इसमें मेट्रो लाइन, पुल, कोस्टल रोड, खाड़ी पुल, सड़क विस्तार आदि जैसे कार्य शामिल हैं। इन कार्यों के लिए अक्सर भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होती है। इसमें लोगों की भूमि शामिल होती है। कभी-कभी भले ही भूमि सीधे तौर पर न खोई गई हो, लोगों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है या अन्य कारणों से उन्हें विस्थापित होना पड़ता है। अब तक ऐसे सभी परियोजना पीड़ितों को एमएमआरडीए की ओर से मुआवजे के रूप में फ्लैट उपलब्ध कराए जाने थे। हालांकि मुंबई जैसी जगहों पर परियोजना स्थल पर घर ढूंढना अक्सर मुश्किल होता है। इसके चलते अब प्राधिकरण ने एकमुश्त नकद मुआवजा देने का निर्णय लिया है।
किन परियोजना में सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे लोग?
यह फैसला भविष्य में परियोजना पीड़ितों के लिए उपलब्ध होगा। इसमें मुख्य रूप से 'शिवडी-वर्ली कनेक्टर' पुल परियोजना से प्रभावित लोग शामिल हैं। इसका निर्माण तेजी से चल रहा है। वे इस निर्णय से सबसे पहले लाभान्वित होंगे। इसके अलावा उत्तर-विरार कोस्टल रोड, ठाणे-बोरीवली टनल, ऑरेंज गेट-मरीन ड्राइव मेट्रो, गायमुख-मीरा भयंदर, मीरा भयंदर-विरार, बदलापुर-कांजुरमार्ग जैसी आगामी मेट्रो लाइनों में 6,300 से अधिक परियोजना-प्रभावित लोग शामिल होंगे।
क्या बोले सीएम-डिप्टी सीएम?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि प्राधिकरण का यह निर्णय मुंबई के बुनियादी ढांचे को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह नीति पुनर्वास प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाएगी और महत्वपूर्ण शहरी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अनावश्यक देरी को कम करेगी। डॉ संजय मुखर्जी ने कहा कि इस नीति का अनुमोदन पुनर्वास दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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