20 years
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मुंबई: 37 साल पहले ड्रमों में छिपाया था 4300 किलो हशीश, अब हुई 20 साल की जेल

मुंबई: 37 साल पहले ड्रमों में छिपाया था 4300 किलो हशीश, अब हुई 20 साल की जेल अदालत ने कहा कि विशेषकर युवाओं में नशीली दवाओं की लत की व्यापक समस्या और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए गंभीर दंडों को देखते हुए, उसके प्रति नरमी दिखाना उचित नहीं है। 2010 के बरी होने का जिक्र करते हुए, न्यायाधीश उस फैसले में टिप्पणियों से असहमत थे क्योंकि प्रारंभिक परीक्षण के बाद नए गवाहों की जांच की गई थी और अभियोजन पक्ष के सबूतों पर पर्याप्त रूप से विचार नहीं किया गया था।
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ठाणे में दुष्कर्म के मामले में एक दिव्यांग समेत दो लोगों को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा

ठाणे में दुष्कर्म के मामले में एक दिव्यांग समेत दो लोगों को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा ठाणे की विशेष पॉक्सो कोर्ट की जज रूबी यू मालवंकर ने 29 जून को मामले में आदेश परित करते हुए दोनों दोषियों पर 26-26 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट के आदेश की प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई। विशेष पॉक्सो कोर्ट की जज ने दोषियों से मिलने वाली जुर्माने की राशि पीड़िता को मुआवजे के रूप में देने के निर्देश दिए।
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भारत लाया गया गैंगस्टर प्रसाद पुजारी को... 20 साल से था फरार

भारत लाया गया गैंगस्टर प्रसाद पुजारी को... 20 साल से था फरार 2010 से फरार पुजारी को पिछले साल मार्च में हांगकांग में इंटरपोल की सूचना पर पकड़ा गया था। पुजारी की फाइल और उनके परिवार, विशेषकर उनकी मां के डीएनए नमूने, चीनी सरकार को भेजे जाने वाले डोजियर के साथ लगाये गए थे, जिसका मंदारिन में अनुवाद भी किया गया था। माना जाता है कि गैंगस्टर कुमार पिल्लई और छोटा राजन गैंग के पूर्व सदस्य पूजारी ने एक चीनी नागरिक से शादी की है। वह अपनी चीनी पत्नी के साथ हांगकांग से उड़ान भरने ही वाला था कि अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
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मायावती सीबीआई की रडार पर... 20 साल पुराने मामले में पूर्व मंत्री की भी बढ़ सकती हैं मुश्किलें

मायावती सीबीआई की रडार पर... 20 साल पुराने मामले में पूर्व मंत्री की भी बढ़ सकती हैं मुश्किलें वर्ष 2002 में मायावती ने ताजमहल और उसके आसपास के इलाके को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने के लिए इस परियोजना की शुरूआत की थी. तब 175 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के लिए 17 करोड़ रुपए जारी किए गए थे. परियोजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद जांच हुई थी. सीबीआई ने धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, साजिश समेत तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड को इस कॉरिडोर करने का ठेका दिया गया था.
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