उच्च न्यायालय ने इशारों-इशारों में ठाकरे और राउत को सुनाई खरी

उच्च न्यायालय ने इशारों-इशारों में ठाकरे और राउत को सुनाई खरी

मुंबई:बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह न्यायपालिका के खिलाफ राजनीतिक नेताओं और अन्य लोगों की टिप्पणियों पर ध्यान नहीं देता और जब तक अदालत में आलोचना सहने की क्षमता है व उसकी अंतरात्मा साफ है, तब तक लोग जो चाहें कह सकते हैं।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट की खंडपीठ ने यह बात उस समय कही जब एक वकील ने न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, शिवसेना सांसद संजय राउत और अन्य के विरुद्ध अदालत की अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका का उल्लेख किया।

Read More ठाणे  में सरकारी जमीन से पत्थर और पानी की चोरी के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

इंडियन बार एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि प्रतिवादियों ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और पूरी न्यायिक प्रणाली के खिलाफ कई ”झूठे, निंदनीय और अवमाननापूर्ण” आरोप लगाए हैं।

Read More ईडी ने फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलाशी ली; ₹1.42 करोड़ के सोने, हीरे और प्लैटिनम के आभूषण और बुलियन जब्त

मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा, “उन्हें न्यायपालिका के बारे में जो कुछ भी कहना है, कहने दें। इस तरह की टिप्पणियों को सहन करने की हमारी क्षमता काफी अधिक है। जब तक हमारी अंतरात्मा साफ है, उन्हें कुछ भी कहने दें।”

Read More पवई में कार्यालय की 11वीं मंजिल से गिरने से महिला की मौत !

पीठ ने शुरू में कहा कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी। लेकिन, याचिकाकर्ता के वकील ने तत्काल सुनवाई की अपील की।

Read More मुंबई : कोर्ट के रेकॉर्ड और पुलिस स्टेशन से FIR गायब ; कोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच का अंतिम मौका दिया

अदालत ने तब वकील से तत्काल सुनवाई के लिए प्रस्तुत आवेदन सौंपने के लिए कहा। इसके बाद अदालत ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा कि याचिका को सुनवाई के लिये कब सूचीबद्ध किया जाए।

जनहित याचिका में ऐसे विभिन्न उदाहरणों को सूचीबद्ध किया गया है जिसमें कथित तौर पर न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी की गई है। इनमें उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व भाजपा सांसद किरीट सोमैया को धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिये जाने के बारे में की गई राउत की हालिया टिप्पणी भी शामिल है।

याचिका के अनुसार, आदेश के बाद राउत ने कथित रूप से साक्षात्कार दिए और कहा कि अदालतों और विशेष रूप से बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भाजपा सदस्यों को राहत दे रहे हैं जबकि उनकी पार्टियों (राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) के मंत्रियों को राहत नहीं दी जा रही।

याचिका में कहा गया है, ”ऐसा अदालत की गरिमा को कम करने व न्यायपालिका में आम आदमी के विश्वास को कम करने के लिए किया गया है, लिहाजा यह अदालत की सबसे बड़ी अवमानना ​​है।”

जनहित याचिका में शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ की संपादक और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ-साथ सामना के मुद्रक और प्रकाशक विवेक कदम के खिलाफ भी अवमानना ​​कार्रवाई की मांग की गई है।

Tags:

Post Comment

Comment List

Advertisement

Sabri Human Welfare Foundation

Join Us on Social Media

Latest News

सरपंच संतोष देशमुख की क्रूर हत्या; चाहे कोई भी हो, कार्रवाई की जाएगी - अजीत पवार सरपंच संतोष देशमुख की क्रूर हत्या; चाहे कोई भी हो, कार्रवाई की जाएगी - अजीत पवार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के लिए जिम्मेदार...
मुंबई: बैंकॉक से 15.92 करोड़ रुपये की हाइड्रोपोनिक वीड की तस्करी करने के आरोप में तीन लोग गिरफ्तार
मुंबई : ईडी ने 38 करोड़ रुपये के टोरेस निवेश “धोखाधड़ी” की जांच के लिए मामला दर्ज किया 
मुंबई: आईएनएस सूरत, नीलगिरी और वाघशीर राष्ट्र को समर्पित
महाराष्ट्र : एक महीना बीत जाने के बाद भी एकनाथ शिंदे ने नहीं छोड़ा मुख्यमंत्री बंगला वर्षा
नवी मुंबई: पिछले 14 दिनों में 33 दुर्घटनाएं; 14 लोगों की चली गई जान
मानखुर्द इलाके में 17 वर्षीय नाबालिग ने चाकू की नोंक पर महिला से किया बलात्कार; पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज

Advertisement

Sabri Human Welfare Foundation

Join Us on Social Media