दिवा रेलवे लाइन पार करते समय दो की मौत, दो गंभीर रूप से घायल
दिवा रेल यात्री की मौत के जिम्मेदार अखिर रेल्वे प्रशासन ही है- ऍड.आदेश भगत (दिवा रेलवे प्रवासी संघटना के अध्यक्ष) हालांकि दिवेकर रेल यात्रियों और सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे की मांग के बाद दिवा स्टेशन का मेकओवर किया गया है, रेलवे प्रशासन अभी भी कुछ आंतरिक सुविधाओं पर नजर गड़ाए हुए है। दिवा स्टेशन पर दुर्घटनाओं की एक श्रृंखला बंद नहीं हुई है। दो यात्रियों की मौत हो गई थी। जहां आज सुबह तीन यात्री ट्रेन की चपेट में आ गए।
दिवा शहर की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी पूर्व में है और रेलवे टिकट का घर पश्चिम में है। ऐसे में ज्यादातर यात्री टिकट लेने के लिए सरस रेलवे लाइन पार करते नजर आ रहे हैं। दिव्या के यात्रियों और ट्रैवलिंग एसोसिएशन की लगातार मांग है कि दिवा के पूर्व में मुंबई की ओर जाने वाली सीढ़ियों को चौड़ा किया जाए या वहां एक स्लाइडिंग सीढ़ी लगाई जाए ताकि यात्री पैदल पुल का उपयोग कर सकें।
लेकिन ऐसा लगता है कि रेल प्रशासन द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है और यही वजह है कि यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. मध्य रेल प्रशासन ने हाल ही में रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान मरने वाले यात्रियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. दरअसल, दिवा जैसे अन्य स्थानों पर रेलवे प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई अपर्याप्त सुविधाओं के कारण यात्रियों की खातिर रेलवे पटरी से उतर रही है. यदि रेलवे प्रशासन दिवा स्टेशन पर तत्काल कार्रवाई नहीं करता है और पर्याप्त व्यवस्था नहीं करता है, तो रेल प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए कि भविष्य में किसी भी समय दिवा स्टेशन पर यात्रियों का प्रकोप हो सकता है।
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