मुंबई : 17 दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद शख्स की मौत... पुलिस ने वाइफ को किया गिरफ्तार
Mumbai: Man dies after being in hospital for 17 days... Police arrests wife
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मुंबई से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया हैं। एक महिला को मुंबई क्राइम ब्रांच ने अपने पति कमल कांत शाह की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। महिला की पहचान कविता के रूप में हुई हैं।
मुंबई: मुंबई से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया हैं। एक महिला को मुंबई क्राइम ब्रांच ने अपने पति कमल कांत शाह की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। महिला की पहचान कविता के रूप में हुई हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कविता अपने प्रेमी हितेश जैन के साथ मिलकर अपने पति के खाने में आर्सेनिक और थैलियम मिला रही थी। ये दोनों रसायन स्लो पॉइजन होते हैं। इनके प्रभाव की वजह से कमल कांत शाह को गत 3 सितंबर को हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा था और 17 दिन बाद उनकी मौत हो गई।
मुंबई की एक स्थानीय कोर्ट ने महिला और उसके प्रेमी को 8 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। बॉम्बे हॉस्पिटल में कमल कांत शाह का इलाज करने वाले डॉक्टरों उनकी हत्या होने की आशंका होने पर खुद पुलिस को इसकी शिकायत की थीं। इस आधार पर मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने मृतक की वाइफ कविता और उसके प्रेमी हितेश को गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि इलाज के दौरान डॉक्टरों ने कमल कांत के खून का हेवी मेटल टेस्ट कराया था। जब रिपोर्ट सामने आई तो डॉक्टरों को शक हो गया, क्योंकि मरीज के ब्लड में आर्सेनिक और थैलियम का लेवल बढ़ गया था। किसी भी शख्स के खून में इन दोनों धातुओं की मात्रा बढ़ना असामान्य बात होती है। जिसकी वजह से डॉक्टर्स ने आजाद मैदान पुलिस स्टेशन को इस बारे में जानकारी दी।
मुंबई पुलिस ने केस दर्ज कर सांताक्रुज पुलिस स्टेशन को आगे की जांच के लिए केस हैंड ओवर कर दिया। आखिर में सांताक्रुज पुलिस स्टेशन के बजाय क्राइम ब्रांच यूनिट 9 को इस केस की जांच की जिम्मेदारी सौंप दी गई।
जब क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की और तमाम मेडिकल रिपोर्ट्स के आधार पर कमल कांत की वाइफ कविता समेत अन्य घरवालों के बयान लिए, इसके साथ ही कमलकांत के डाइट से जुड़ी जानकारी भी जुटाई।
इसके बाद पुलिस को पता चला कि वाइफ कविता ने प्रेमी हितेश जैन के साथ प्लानिंग करके अपने पति को रास्ते से हटाने की साजिश रची थी। इसके लिए काफी समय से कमल कांत के खाने और पीने के चीजों में वह आर्सेनिक व थैलियम मिलाती थी।
इंसान के खून में इन धातुओं की मात्रा पहले से ही मौजूद होती है, लेकिन स्तर नार्मल से अधिक हो जाए तो स्लो पॉइजन का काम करती है। मृतक कमल कांत के साथ भी यही हुआ और 17 दिन तक इलाजरत रहने के बाद 19 सितंबर को उनकी मौत हो गई।
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