महाराष्ट्र व कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के बाद अब अलमाटी बांध पर तकरार...फडणवीस बोले- काम रोकें वर्ना सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
After the border dispute between Maharashtra and Karnataka, now the dispute over the Almatti Dam... Fadnavis said - Stop the work or else will go to the Supreme Court
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महाराष्ट्र व कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के बाद अब अलमाटी बांध तकरार का नया मुद्दा बन रहा है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि वे बाढ़ का अध्ययन पूरा होने तक कर्नाटक को इस बांध की ऊंचाई बढ़ाने का काम रोकने को कहेंगे। यदि कर्नाटक सरकार नहीं मानी तो महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र व कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के बाद अब अलमाटी बांध तकरार का नया मुद्दा बन रहा है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि वे बाढ़ का अध्ययन पूरा होने तक कर्नाटक को इस बांध की ऊंचाई बढ़ाने का काम रोकने को कहेंगे। यदि कर्नाटक सरकार नहीं मानी तो महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
अलमाटी बांध की ऊंचाई बढ़ाने से महाराष्ट्र के सांगली और कोल्हापुर जिलों में बाढ़ का खतरा है। इसे लेकर अध्ययन जारी है। यह बांध कृष्णा नदी पर बना है। महाराष्ट्र सरकार बाढ़ को लेकर अध्ययन करा रही है। इसलिए वह चाहती है कि यह पूरा होने तक ऊंचाई बढ़ाने का काम रोक दिया जाए।
नागपुर में जारी महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र में प्रश्नकाल के दौरान फडणवीस ने यह कहा कि यदि कर्नाटक ने हमारी गुहार नहीं सुनी तो हम सर्वोच्च न्यायालय की शरण लेंगे। दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद सुप्रीम कोर्ट में पहले से लंबित है। इसे लेकर तकरार जारी है। दोनों राज्यों की विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित कर सीमावर्ती 800 से ज्यादा गांवों पर अपने अपने दावे जताए गए हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि दोनों राज्यों में भाजपा सरकारें हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने अलमाटी बांध की ऊंचाई बढ़ाने से राज्य में बाढ़ के असर के आकलन के लिए जल संसाधन विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव नंद कुमार वडनेरा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। कर्नाटक सरकार बांध की ऊंचाई बढ़ाकर 524 मीटर करना चाहती है। इससे कोल्हापुर व सांगली में बाढ़ का खतरा पैदा हो सकता है।
अध्ययन दल का गठन महाराष्ट्र के दो जिलों में 2019 में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद किया गया था। 27 मई, 2020 को सौंपी गई आरंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कृष्णा नदी पर अलमाटी और हिप्पार्गी के बांधों की ऊंचाई बढ़ा दी जाती है, तो कोल्हापुर और सांगली में कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, सितंबर 2021 में, वडनेरा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा था कि जब रिपोर्ट तैयार की गई थी, तो कर्नाटक में चेक डैम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जिससे कोल्हापुर और सांगली में बाढ़ आ सकती है।
सूरजगढ़ माइंस का काम शुरू होने से गढ़चिरौली में घटा नक्सवाद : शिंदे
उधर, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य के गढ़चिरौली इलाके में सूरजगढ़ लौह अयस्क खनन प्रोजेक्ट का काम शुरू होने से नक्सलवाद घटा है। विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान शिंदे ने यह बात कही। उन्होंने स्थानीय लोगों को आश्वस्त किया कि उन्हें इस परियोजना में प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाएगा।
जयंत पाटिल, रामदास अंबटकर और अभिजीत वंजारी के सवाल के जवाब में शिंदे ने यह बात कही। सीएम शिंदे ने कहा कि परियोजना शुरू होने के बाद से जिले में नक्सली आंदोलन धीमा हो गया है। 1993 में शुरू हुई परियोजना कुछ समय के लिए नक्सली गतिविधियों के कारण ठप हो गई थी, लेकिन जब वे गढ़चिरौली के प्रभारी मंत्री बने तो उन्होंने पुलिस को क्षेत्र में नक्सलियों पर नकेल कसने का निर्देश दिया।
परियोजना को अब फिर से शुरू कर दिया गया है। कंपनी प्रबंधन को स्थानीय लोगों को नौकरियों में वरीयता देने का निर्देश दिया है। अब तक परियोजना में 5,000 से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है। परियोजना से सरकार को 342 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
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