मुंबई : 26 मार्च को महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव; महायुति के उम्मीदवार अन्ना बनसोडे के निर्विरोध चुने जाने की संभावना
Mumbai: Election for the post of Deputy Speaker of Maharashtra Legislative Assembly on March 26; Mahayuti candidate Anna Bansode likely to be elected unopposed
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महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव कल यानी बुधवार 26 मार्च को होगा और सत्तारूढ़ महायुति के उम्मीदवार अन्ना बनसोडे के निर्विरोध चुने जाने की संभावना है। जानकारी दें कि, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सोमवार 24 मार्च को सदन को बताया था कि उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव 26 मार्च को होगा।
मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव कल यानी बुधवार 26 मार्च को होगा और सत्तारूढ़ महायुति के उम्मीदवार अन्ना बनसोडे के निर्विरोध चुने जाने की संभावना है। जानकारी दें कि, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सोमवार 24 मार्च को सदन को बताया था कि उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव 26 मार्च को होगा। पता हो कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की जीत के बाद से राहुल नार्वेकर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन उपाध्यक्ष का पद खाली ही चल रहा था।
उन्होंने यह भी कहा था कि नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया आज मंगलवार 25 मार्च को होगी। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक बनसोडे इस पद के लिए महायुति के उम्मीदवार हैं। बीते सप्ताह ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (भाजपा) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार एवं एकनाथ शिंदे (शिवसेना) की मौजूदगी में हुई बैठक में बनसोडे के नाम पर मुहर लगाई गई थी।
जानकारी दें कि, अन्ना बनसोड़े, महाराष्ट्र के पिंपरी से तीन बार विधायक रह चुके हैं और अनुसूचित जाति से आते हैं। वे अजित पवार के बेहद करीबी सहयोगी भी माने जाते हैं। हालांकि, उनकी उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में पहले से ही चर्चा जोरों पर थी और अब आधिकारिक रूप से भी उनके नाम पर सहमति बन गई है।
नया राजनीतिक समीकरण
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस फैसले को राज्य की राजनीति में बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह विधानसभा उपाध्यक्ष का यह पद विधानसभा के भीतर शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है। वहीं अन्ना बनसोड़े की नियुक्ति से अजित पवार की NCP को अनुसूचित जाति के मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में भरपूर मदद मिलेगी। वहीं यह निर्णय अजित पवार की रणनीतिक चाल का भी हिस्सा माना जा रही है, जिससे उनकी पार्टी NCP को विधानसभा में अधिक प्रभावी भूमिका निभाने का भी अवसर मिलेगा। आगामी चुनावों के मद्देनजर, यह कदम अजित और NCP के लिए महत्वपूर्ण भी साबित हो सकता है।
कहा तो यह भी जा रहा है कि अजित पवार गुट के कोटे से मंत्री रहे धनंजय मुंडे को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था। दरअसल बीड में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में उन पर यहबड़ी गाज गिरी थी। वहीं अब उपाध्यक्ष पद को लेकर BJP इस इस्तीफे की कमी को पूरा करने की सतत कोशिश में है।
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