मुख्यमंत्री शिंदे ने खुद को बेच दिया है, लेकिन वह मेरी मुंबई को न बेचें- आदित्य ठाकरे
CM Shinde has sold himself, but don't sell my Mumbai - Aditya Thackeray

मुंबई मनपा पर 25 साल राज करने वाली उद्धव सेना ने 6,000 करोड़ रुपये के सड़क घोटाले का आरोप लगाया है। उद्धव सेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह सब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद को बेच दिया है, लेकिन वह मेरी मुंबई को न बेचें।
मुंबई: मुंबई मनपा पर 25 साल राज करने वाली उद्धव सेना ने 6,000 करोड़ रुपये के सड़क घोटाले का आरोप लगाया है। उद्धव सेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह सब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद को बेच दिया है, लेकिन वह मेरी मुंबई को न बेचें। उधर, बीएमसी ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि बढ़ी हुई लागत के चलते मूल्यों को सुधारा गया है।
साथ ही प्री-कास्ट ड्रेन और यूटिलिटी डक्ट जैसी शर्तें लगाई गई हैं। हमारा उद्देश्य है कि बड़ी कंपनियां काम में आएं। शुक्रवार को दादर स्थित शिवसेना भवन में आदित्य ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर बीएमसी को लूटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुंबई की सड़कों का कांक्रीटीकरण करने के लिए टेंडर मंगाए गए, लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिला।
इसके चलते टेंडर रद्द करना पड़ा। एक बार फिर नया टेंडर निकाला गया। करीब 400 किमी की सड़कों के लिए 6,080 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला गया। इस टेंडर में बीएमसी 48 फीसदी ज्यादा राशि खर्च कर रही है। यह बाकायदा प्लान के साथ किया गया। सरकार ने चुपचाप बीएमसी का शेड्यूल रेट ही बदल दिया, जिससे लागत बढ़ गई।
बीएमसी में हुए कोविड सेंटर घोटाले की जांच में ईडी की एंट्री हो गई है। ईडी ने भ्रष्टाचार के मामले में बीएमसी के उच्चपदस्थ अधिकारियों को नोटिस भेजा है। जिससे बीएमसी अधिकारियों में बेचैनी बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार ईडी ने अधिकारियों को सोमवार तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
कोविड सेंटर निर्माण में 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था। सोमैया ने भी कहा है कि बीएमसी अधिकारियों को सोमवार को ईडी कार्यालय जाना पड़ेगा।
बता दें कि बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल ने पिछले दिनों लीगल नोटिस देते हुए कहा था कि पेंडमिक ऐक्ट के तहत हुए खर्च की जांच कैग नहीं कर सकती। जिसके बाद राज्य सरकार ने कोविड में हुए 3500 करोड़ रुपये के खर्च को छोड़कर अन्य प्रॉजेक्ट पर खर्च हुए 8500 करोड़ रुपये की जांच को कहा है।
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