रूसी विदेश मंत्री ने जमकर की तारीफ, एशिया का पावरहाउस है भारत... दूसरे देश नहीं पा सकते पार
Russian Foreign Minister praised, India is the powerhouse of Asia… other countries cannot cross
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रूस के विदेश मंत्री सर्गेई कई बार भारत की तारीफ कर चुके हैं। मंदी की संभावना के बीच उन्होंने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। लावरोव ने कहा कि भारत दक्षिण एशिया का इकोनॉमिक पावरहाउस है और वैश्विक अर्थव्य्वस्था प र भी उसका बड़ा प्रभाव है जिसे दूसरे देश पार नहीं कर सकते।
रूस : रूस के विदेश मंत्री सर्गेई कई बार भारत की तारीफ कर चुके हैं। मंदी की संभावना के बीच उन्होंने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। लावरोव ने कहा कि भारत दक्षिण एशिया का इकोनॉमिक पावरहाउस है और वैश्विक अर्थव्य्वस्था प र भी उसका बड़ा प्रभाव है जिसे दूसरे देश पार नहीं कर सकते। लावरोव ने भारत और चीन दोनों का नाम लेते हुए कहा कि ये देश ना सिर्फ अपने क्षेत्र के पावरहाउस के तौर पर काम करते हैं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उनकी क्षमता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इससे पहले भी लावरोव ने भारत को यूएनएससी का स्थायी सदस्य बनाने का समर्थन किया था और दिसंबर में आयोजित इंटरनेशनल फोरम में कहा था कि दुनिया के कई मुद्दों पर भारत के मजबूत स्टैंड ने उसकी वैल्यू बढ़ा दी है। उन्होंने कहा था कि आर्थिक विकास के मामले में भारत प्रमुख देशों में शामिल है। इसके अलावा उसके पास कई चुनौतियों से निपटने का अच्छा अनुभव भी है। भारत की एशिया पर अच्छी पकड़ भी है।
इससे पहले भी लावरोव ने भारत को यूएनएससी का स्थायी सदस्य बनाने का समर्थन किया था और दिसंबर में आयोजित इंटरनेशनल फोरम में कहा था कि दुनिया के कई मुद्दों पर भारत के मजबूत स्टैंड ने उसकी वैल्यू बढ़ा दी है। उन्होंने कहा था कि आर्थिक विकास के मामले में भारत प्रमुख देशों में शामिल है। इसके अलावा उसके पास कई चुनौतियों से निपटने का अच्छा अनुभव भी है। भारत की एशिया पर अच्छी पकड़ भी है। ऐसे में भारत की दावेदारी यूएनएससी के लिए मजबूत है।
रूस के विदेश मंत्री ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र संघ ही नहीं भारत की भूमिकी क्षेत्रीय संगठनों मे भी बहुत बड़ी है। शंघाई सहयोग संगठन में भी भारत की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बता दें कि फ्रांस और ब्रिटेन ने भी यूएनएससी में भारत को स्थायी सदस्य बनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके अलावा फ्रांस ने कहा था कि जो ताकतवर देशों के रूप में उभर रहे हैं उन्हें भी इसमें जगह दी जाए। इनमें भारत के साथ जर्मनी, जापान और ब्राजील शामिल हैं।
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