चंद्रकांत पाटिल के बयान पर उद्धव ठाकरे का पलटवार, कहां थे ये लोग जब बाबरी गिरी, अब चूहे की तरह आ रहे बाहर...
Uddhav Thackeray's counterattack on Chandrakant Patil's statement, where were these people when Babri fell, now they are coming out like rats...
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बालासाहेब ठाकरे के बारे में मेरे जैसे कार्यकर्ता के मन मे हमेशा श्रद्धा है और रहेगी। बालसाहेब कि वजह से ही दंगों के दौरान हिंदू सुरक्षित बचे थे। मैंने अपने इंटरव्यू में भी बालसाहेब का अभिवादन किया है। जहां तक बाबरी ढहाने की बात है तो मेरे कहने का यह मतलब था कि सभी हिंदुओं ने गिराई थी। ढांचा ढहाने का काम विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले हुआ था। वहां शिवसेना या फिर किसी अन्य संगठन के नाम का सवाल ही नहीं है। यह काम सारे हिंदुओं ने किया था।
मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के नेता और मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अभी तक बीजेपी के नेता कहां थे। आज उन्हें क्यों बाबरी मस्जिद ढहाये जाने की याद आ रही है। यह बात सब जानते हैं, खुद उस समय बीजेपी के नेताओं ने यह कहा था कि बाबरी गिराने का काम अगर कोई कर सकता है तो वह सिर्फ शिवसेना होगी। जैसे चूहे बिल में छिप जाते हैं उसी तरह से आज यह लोग बिल से निकल रहे हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरी यह मांग है कि या तो चंद्रकांत पाटिल इस्तीफ़ा दें या फिर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पद से इस्तीफा दें। साथ ही यह भी स्पष्ट करें कि क्या बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल का यह बयान उन्हें मान्य है। एकनाथ शिंदे जो बालासाहेब को अपना गुरु मानते हैं। क्या वह अपने गुरु का अपमान सहन करेंगे? मैं तो यह मानता हूँ कि यह बीजेपी की चाल है। यह बयान जानबूझकर दिया गया है। धीरे-धीरे वह लोगों के दिल और मन से बालासाहेब को मिटाने की साजिश रच रहे हैं। उद्धव ने कहा कि उनके पास कोई नेता नहीं है इसलिए यह लोग बालासाहेब का नाम चुरा रहे हैं। उनके पास ऐसा कोई भी नेता नहीं है जिसने आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया हो।
उद्धव ठाकरे यहीं नहीं रुके जब उनसे यह पूछा गया कि आपकी आगे की रणनीति क्या है? तब उन्होंने कहा कि अभी बीजेपी के ऑफिस में स्क्रिप्ट लिखी जा रही होगी। पहले वो मुख्यमंत्री को मिलने दीजिये। उसके बाद उनका बयान आ जाये तब आगे की रणनीति बताएँगे। फिर अगर शिंदे के अंदर बालासाहेब के लिए श्रद्धा होगी तो वो चंद्रकांत पाटिल मंत्रिमंडल से निकालेंगे या फिर खुद इस्तीफ़ा देंगे। उद्धव ठाकरे के तल्ख तेवर के बाद चंद्रकांत पाटिल ने इस मुद्दे पर अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि मैं खुद उद्धव ठाकरे को फोन करूंगा। मैं उनसे यह पूछूंगा कि आप मेरे बारे में इस तरह की गलतफहमी कैसे पाल सकते हैं। मैंने ऐसा नहीं कहा है।
बालासाहेब ठाकरे के बारे में मेरे जैसे कार्यकर्ता के मन मे हमेशा श्रद्धा है और रहेगी। बालसाहेब कि वजह से ही दंगों के दौरान हिंदू सुरक्षित बचे थे। मैंने अपने इंटरव्यू में भी बालसाहेब का अभिवादन किया है। जहां तक बाबरी ढहाने की बात है तो मेरे कहने का यह मतलब था कि सभी हिंदुओं ने गिराई थी। ढांचा ढहाने का काम विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले हुआ था। वहां शिवसेना या फिर किसी अन्य संगठन के नाम का सवाल ही नहीं है। यह काम सारे हिंदुओं ने किया था।
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