Rabri Devi से ED की 5 घंटे तक पूछताछ, जानिए क्या है पूरा मामला
ED questions Rabri Devi for 5 hrs in land-for-jobs linked money laundering case
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और राबड़ी देवी अभी दो दिन पहले ही दिल्ली पहुंचे हैं। इसी बीच राबड़ी देवी से ईडी दफ्तर में पूछताछ की गई। जिसमें सूचना मिल रही की करीब 5 घंटे तक सवाल जवाब हुए।
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने 5 घंटे पूछताछ की है। दिल्ली के ईडी दफ्तर में गुरुवार को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी संग ये पूछताछ की गई। मामला 'नौकरी के बदले जमीन' घोटाले से जुड़ा है। प्रवर्तन निदेशालय ने राबड़ी देवी से पूछताछ के साथ ही उनके बयान भी दर्ज किए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी मिली है..Rabri Devi quized by ED...
राबड़ी देवी दिन में 11 बजे दिल्ली स्थित ईडी के कार्यालय पहुंचीं और वहां से शाम छह बजे बाहर निकलीं। इस बीच, वह लंच करने एक घंटे के लिए बाहर आई थीं। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि क्या उन्हें दोबारा बुलाया गया है या नहीं। सूत्रों ने बताया कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी (68) के बयान पीएमएलए के तहत दर्ज किए गए।
जांच एजेंसी ने इस मामले में पिछले कुछ महीने में राबड़ी देवी के छोटे बेटे और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती, चंदा यादव और रागिनी यादव से भी पूछताछ की है। एजेंसी ने इस साल मार्च में चंदा यादव, रागिनी यादव, हेमा यादव और आरजेडी के पूर्व विधायक अबु दोजाना के ठिकानों पर पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-एनसीआर, रांची और मुंबई में छापे मारे थे...Rabri Devi quized by ED...
ईडी ने दावा किया था कि छापेमारी में एक करोड़ रुपये की ‘बेहिसाबी नकदी’ जब्त की है। वहीं 600 करोड़ रुपये की आय का पता लगाया है। कथित घोटाला उस वक्त हुआ था, जब लालू प्रसाद केंद्र में यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री थे। धन शोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है। एजेंसियों का आरोप है कि 2004-09 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह ‘डी’ के पदों पर विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया और इसके बदले संबंधितलोगों ने अपनी जमीन लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर की थी...Rabri Devi quized by ED...
सीबीआई ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या सार्वनजिक सूचना जारी नहीं की गई थी। पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में ‘नियुक्ति’ के तौर पर नियुक्त किया गया। तेजस्वी ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा कि रेल मंत्री रहने के दौरान प्रसाद के पास नौकरी देने का कोई विशेषाधकार नहीं था।
Comment List