उद्धव गुट की मांग सरपंच संतोष देशमुख मर्डर केस में जांच में सामने आई डिटेल्स का हो खुलासा...
Uddhav faction demands disclosure of details that came out in the investigation of Sarpanch Santosh Deshmukh murder case...
सरपंच संतोष देशमुख मर्डर केस में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास ने कहा, ''तीन आरोपी अभी भी लापता हैं, उनके बारे में क्या? मुझे जानकारी है कि गिरफ्तार आरोपियों ने फरार लोगों से संपर्क किया होगा. सीआईडी को जांच के दौरान सामने आई डिटेल्स का खुलासा करना चाहिए. तथ्य तभी सामने आएंगे जब तीन फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के बीड में सरपंच संतोष देशमुख मर्डर केस को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने बड़ी मांग की है. उन्होंने शुक्रवार (03 जनवरी) को कहा कि महाराष्ट्र सीआईडी को सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की जांच में सामने आई डिटेल्स का खुलासा करना चाहिए.
रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने दोहराया कि हत्या के मामले और संबंधित जबरन वसूली मामले, जिसमें एनसीपी के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को गिरफ्तार किया गया है, दोनों में मुकदमा बीड जिले के बाहर चलाया जाना चाहिए.
सरपंच संतोष देशमुख मर्डर केस में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास ने कहा, ''तीन आरोपी अभी भी लापता हैं, उनके बारे में क्या? मुझे जानकारी है कि गिरफ्तार आरोपियों ने फरार लोगों से संपर्क किया होगा. सीआईडी को जांच के दौरान सामने आई डिटेल्स का खुलासा करना चाहिए. तथ्य तभी सामने आएंगे जब तीन फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.
उन्होंने मांग करते हुए कहा, ''हत्या और उससे जुड़े जबरन वसूली मामले की सुनवाई बीड के बाहर की जाए. मामले की जांच कर रहे ज्यादातर अधिकारी बीड से हैं और उनके राजनीतिक संबंध हैं. कराड उस इलाके में था जहां शुरुआत में पुलिस शिकायत दर्ज नहीं कर रही थी. इसलिए मेरी मांग है कि यह सुनवाई बीड से बाहर हो.'' उधर, कराड का दावा है कि उनका इन सब से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, गिरफ्तार आरोपियों ने दावा किया है कि जबरन वसूली के बारे में (कंपनी और कराड के बीच) संचार हुआ था.
बीड जिले की केज तहसील के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का 9 दिसंबर को कथित तौर पर एक पवनचक्की कंपनी से पैसे मांगने वाले कुछ लोगों द्वारा जबरन वसूली का विरोध करने पर अपहरण कर लिया गया और बेरहमी से हत्या कर दी गई. कराड ने हत्याकांड के 22 दिन बाद 31 दिसंबर को पुणे में सीआईडी दफ्तर जाकर आत्मसमर्पण किया था.
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