एमेजॉन कंपनी की पूर्व कर्मचारी के खिलाफ फर्जी बिल बनाकर धोखाधड़ी करने के मामले में एफआईआर दर्ज
FIR registered against former employee of Amazon company for cheating by making fake bills
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एमेजॉन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की लीगल टीम ने बीकेसी में शिकायत दी है कि उनके यहां 2017 से 2022 तक सुजीथा मिलिंद तांबतुरे (32) नामक महिला एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट प्रोसेस, एमेजॉन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करती थी। जिसने ककी सारे बिल पेश कर कंपनी से पैसे लिए हैं। लेकिन रिअम्बेसमेन्ट टीम ने जब उन बिलों की जांच की तब उसे फर्जी पाया।
मुंबई : मुंबई पुलिस ने एमेजॉन कंपनी की पूर्व कर्मचारी के खिलाफ फर्जी बिल बनाकर कंपनी से पैसे वापस लेने के मामले में एफआईआर दर्ज किया है। शिकायत के मुताबिक महिला कर्मी ने अपने कार्यकाल के दौरान कई फर्जी बिल लगाकर कंपनी से पैसे ले लिए।
लेकिन जब रिअम्बेसमेन्ट टीम ने मकहिला द्वारा उपलब्ध कराए गए बिल जांचे तब पता चला कि कई सारे बिल फर्जी हैं और कई बिल तो लैपटॉप से ही बनाकर दिए गए थे। हालांकि बीकेसी पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक एमेजॉन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की लीगल टीम ने बीकेसी में शिकायत दी है कि उनके यहां 2017 से 2022 तक सुजीथा मिलिंद तांबतुरे (32) नामक महिला एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट प्रोसेस, एमेजॉन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करती थी। जिसने ककी सारे बिल पेश कर कंपनी से पैसे लिए हैं। लेकिन रिअम्बेसमेन्ट टीम ने जब उन बिलों की जांच की तब उसे फर्जी पाया।
जिसके बाद लीगल टीम को मेल कर मामले की शिकायत के लिए कहा गया। जिसके बाद लीगल टीम ने जनवरी 2023 में लीगल नोटिस भेजी जिसका कोई रिप्लाई न आने पर जून महीने में लिखित शिकायत की। जिसके बाद अब अक्टूबर महीने में पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। जिसकी अधिक जांच की जा रही है।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि महिला ने कंपनी में जो बिल पेश किए हैं, उन्हें जांच में फर्जी पाया गया है। इसी वजह से जांच टीम ने बिल को उस कंपनी के असली बिल से तुलना की जिसमें दोनों बिल अलग अलग दिखाई दिए। इसके अलावा के कंपनियों का लोगो भी महिला को दिए गए लैपटॉप में मिला है। जिसकी एक कॉपी पुलिस से शेअर की गई है।
शिकायत में कहा गया है कि कर्मचारी रहते हुए महिला ने जो बिल बाउचर कंपनी को दिया है, उसमें से 35 लाख 88 हजार 860 रुपये का नकली बिल बाउचर सामने आया है। इसमें कई सारे बिल ऐसे हैं जिसमें बिल देनेवाले का पता नहीं है, जिसका पता है भी तो वह अधूरा है। जब के बिल के एड्रेस पर पहुंचने पर बिल उनके द्वारा जारी किए जाने की बात पूछी गई तब उसे गलत बताया गया। जिसके बाद संबंधित रिपोर्ट के साथ एफआईआर दर्ज करवाई गई।
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