मुंबई में प्रस्तावित पानी की दर में वृद्धि रद्द...
Proposed water rate hike in Mumbai canceled...
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बीएमसी के इस निर्णय का सत्ताधारी बीजेपी सहित विपक्षी कांग्रेस और सपा ने जोरदार विरोध किया था। बीएमसी ने वर्ष 2012 में एक प्रस्ताव पास हुआ था, जिसमें यह नियम बनाया गया है कि पानी की दर में हर साल 8 प्रतिशत की वृद्धि अपने आप हो जाएगी। इसी नियम के तहत बीएमसी के जलापूर्ति विभाग ने 8 प्रतिशत दर में वृद्धि का प्रस्ताव कमिश्नर चहल के पास भेजा था।
मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश के बाद बीएमसी कमिश्नर ने मुंबई में प्रस्तावित पानी की दर में वृद्धि रद्द कर दी है। सीएम शिंदे ने बीएमसी कमिश्नर आई़ एस़ चहल को स्पष्ट निर्देश दिया है कि पानी की दर में किसी तरह की वृद्धि न की जाए। मुख्यमंत्री के इस आदेश को अगले साल होने वाले लोकसभा, विधानसभा और बीएमसी चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। बीएमसी की योजना थी कि मुंबई के पानी की दर में 8 प्रतिशत की वृद्धि की जाए।
बीएमसी के इस निर्णय का सत्ताधारी बीजेपी सहित विपक्षी कांग्रेस और सपा ने जोरदार विरोध किया था। बीएमसी ने वर्ष 2012 में एक प्रस्ताव पास हुआ था, जिसमें यह नियम बनाया गया है कि पानी की दर में हर साल 8 प्रतिशत की वृद्धि अपने आप हो जाएगी। इसी नियम के तहत बीएमसी के जलापूर्ति विभाग ने 8 प्रतिशत दर में वृद्धि का प्रस्ताव कमिश्नर चहल के पास भेजा था।
पानी के दर में वृद्धि के प्रस्ताव को कमिश्नर ने मंजूरी भी दे दी थी, लेकिन राज्य सरकार से दबाव पड़ने के बाद अब इसे वापस ले लिया गया है। यानी वर्ष 2023-24 के वित्तीय वर्ष में अब मुंबईकरों का पानी महंगा नहीं होगा। इस बाबत बीएमसी का कहना है कि मुंबईकरों को प्रतिदिन 3850 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जाती है। यह आपूर्ति करीब 150 किमी की दूरी से होती है। जिस कीमत पर लोगों को पानी उपलब्ध कराया जाता है, वह बहुत ही मामूली दर है।
जबकि लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए बीएमसी को कई गुना खर्च करना पड़ता है। पानी आपूर्ति के लिए प्रशासनिक खर्च के अलावा ऊर्जा का खर्च, सरकार के तालाब से लिए जाने वाले पानी का खर्च भी बढ़ गया है। इसी तरह पानी के शुद्धिकरण और उसमें डाली जाने वाली दवाओं का भी खर्च बढ़ गया है। इसीलिए पानी की दरों में वृद्धि का प्रस्ताव पेश किया गया था। हालांकि, अब मुख्यमंत्री शिंदे के दखल के बाद इस वृद्धि पर फिलहाल इस साल के लिए रोक लगा दी गई है।
आज कल देश भर में चुनावों के दौरान मुफ्त बीज बांटकर वोटरों को लुभाने का ट्रेंड चल निकला है। इससे आगे जाते हुए महाराष्ट्र में चुनाव से पहले ही लोगों को राहत देने का प्रयोग शुरू कर दिया गया है। शिवसेना में बंटवारे के बाद एकनाथ शिंदे के सामने खुद को साबित करने का लोकसभा चुनावों में सबसे महत्वपूर्ण मौका है।
उनके सामने पार्टी के स्तर पर, विपक्ष को साधने और मुंबईकरों के दिलों में अपनी जगह मजबूत करने की भी चुनौती है। ऐसे में, वह हर साल की तय पानी वृद्धि को लेकर भी रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं। इसी के चलते बीएमसी अब पानी की दरों में इस साल वृद्धि नहीं करेगी।
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