राज्यसभा सांसद ने किया बड़ा दावा... 50 साल से कम उम्र के 5 लाख से ज्यादा लोगों की हार्ट अटैक से हुई मौत !
Rajya Sabha MP made a big claim... More than 5 lakh people under 50 years of age died due to heart attack!
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शिवसेना (यूटी) से राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि देश में 50 साल से कम आयु के 5 लाख से ज्यादा लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुई है। उन्होंने कहा कि फाइजर की वैक्सीन जो अमेरिका में कई लोगों को लगाई गई थी, जब उन पर दबाव आया, तो अब जाकर उन्होंने बताया है कि इस वैक्सीन के क्या-क्या साइड इफेक्ट हैं। उन्होंने कहा कि शायद हमें इस पर भी आत्मचिंतन करने की जरूरत है।
शिवसेना (यूटी) से राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि देश में 50 साल से कम आयु के 5 लाख से ज्यादा लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुई है। उन्होंने कहा कि फाइजर की वैक्सीन जो अमेरिका में कई लोगों को लगाई गई थी, जब उन पर दबाव आया, तो अब जाकर उन्होंने बताया है कि इस वैक्सीन के क्या-क्या साइड इफेक्ट हैं। उन्होंने कहा कि शायद हमें इस पर भी आत्मचिंतन करने की जरूरत है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने सदन में कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय है। इस पर खास तौर पर ध्यान देना चाहिए। हमें इस पर बात करना चाहिए कि कोविड के गंभीर स्वरूप में हेल्थ मिनिस्ट्री ने जो दवाइयां बताई गई, क्या उसमें कहीं कोई कमी रह गई थी। मंत्रालय ने इस विषय पर गाइडलाइन दिए हैं, पर वह इतनी पुख्ता नहीं है कि इस समस्या का निदान बता सकें।
उन्होंने आगे कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें हार्ट से संबंधित कोई समस्या नहीं थी, पर अचानक हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। राज्यसभा सांसद ने आगे इसे कोरोना से जोड़ते हुए कहा भारत में हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इस विषय पर थोड़ी और ज्यादा रिसर्च कर डाटा इकट्ठा करने चाहिए। इसके जरिए यह भी देखा जाना चाहिए कि कोरोना के बाद इसके क्या प्रभाव हो रहे हैं। साथ ही यह भी देखा जाना चाहिए कि जो दवाई या जो वैक्सीन है, उसको लेकर हमें रिसर्च और फ्रेमवर्क बनाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय को फ्रेमवर्क बनाना होगा कि 50 साल से कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक को कैसे काबू में ला सकते है। उन्होंने कहा कि लैंसेट (रिसर्च पत्रिका) की स्टडी बताती है कि भारत में 5 से 6 लाख लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुई है और यह सभी 50 साल से कम उम्र के थे। यह सिर्फ उनके परिवारों के लिए ही बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी दुखदायी विषय है।
चतुर्वेदी के मुताबिक, कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां क्रिकेट खेलते-खेलते खिलाड़ी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मैं हेल्थ मिनिस्ट्री से डेटाबेस बनाने की अपील करती हूं। रोजाना हम इस प्रकार की खबरों से रूबरू हो रहे हैं कि कभी कोई क्रिकेट खेलते हुए तो कोई डांडिया करते हुए हार्ट अटैक से मर रहा है, जबकि इन लोगों की हार्ट से संबंधित कोई हिस्ट्री नहीं थी। उन्होंने यह भी बताया कि बीते दिनों ट्रेन में 38 साल के एक युवक को अचानक हार्ट अटैक आ गया।
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