तीन राज्यों का तिकड़म, क्या बिगाड़ देगा कांग्रेस का खेल? जानिए कैसे सीट शेयरिंग प्लान में फंस सकता है पेंच
The trick of three states, will it spoil the game of Congress? Know how seat sharing plan can get stuck in trouble

मुंबई: इंडिया गठबंधन की हालिया बैठक में ये तय किया गया कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए शीट-शेयरिंग पर बातचीत जल्द से जल्द होनी चाहिए. दिल्ली में हुई बैठक में तय किया गया कि शीट-शेयरिंग पर सभी दलों को सहमत होना जरूरी है. हालांकि, कांग्रेस के लिए सीटों का बंटवारा करना टेढ़ी खीर साबित होने वाला है.
मुंबई: इंडिया गठबंधन की हालिया बैठक में ये तय किया गया कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए शीट-शेयरिंग पर बातचीत जल्द से जल्द होनी चाहिए. दिल्ली में हुई बैठक में तय किया गया कि शीट-शेयरिंग पर सभी दलों को सहमत होना जरूरी है. हालांकि, कांग्रेस के लिए सीटों का बंटवारा करना टेढ़ी खीर साबित होने वाला है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह तीन राज्यों में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने की उसकी खुद की लालसा भी है.
पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि वह राज्य में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ना चाहती है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस बात को कह चुकी हैं कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) राज्य में अकेले चुनाव लड़ सकती है. महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) ने 23 सीटों की मांग रख दी है. इन सब वजहों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
ममता बनर्जी ने गुरुवार को ऐलान किया कि टीएमसी 2024 का लोकसभा चुनाव राज्य में अकेले लड़ेगी, जबकि वह इंडिया ब्लॉक में राष्ट्रीय स्तर पर मौजूद रहेगी. राज्य में चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, 'इंडिया गठबंधन देशभर में रहेगा. पश्चिम बंगाल में टीएमसी चुनाव लड़ेगी और बीजेपी को हराएगी. सिर्फ टीएमसी ही वो पार्टी है, जो बीजेपी को सबक सिखा सकती है.'
ममता के बयान से साफ हो गया कि राज्य में इंडिया गठबंधन के साथ सीट-शेयरिंग पर किसी तरह का कोई समझौता नहीं होगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के लिए कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने सीपीआई-एम के साथ गठबंधन की बात कही. मगर कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा और 42 सीटों में से सिर्फ 2 पर जीत हासिल की, जबकि टीएमसी ने 22 सीटें जीतीं.
2024 के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि पूरे इंडिया गठबंधन के सहयोगियों शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है. कांग्रेस ने नागपुर में स्थापना दिवस और भारत न्याय यात्रा का समापन मुंबई में तय करके राज्य में खुद को मजबूत करना शुरू कर दिया है. हालांकि, शिवसेना-यूबीटी ने लोकसभा की 23 सीटों की मांग रख दी है, जिसे कांग्रेस ने खारिज कर दिया है.
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