परिवार विरूद्ध है किंतु पाटी कार्यकर्ता साथ हैं - अजित पवार
Family is against but party workers are with us - Ajit Pawar
सुले की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कि उन्होंने कभी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना नहीं किया, अजीत ने कहा, 'कुछ लोग कहते हैं कि हमारे ऊपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है, लेकिन आप कभी मंत्री नहीं थे, तो आप पर भ्रष्टाचार का आरोप कैसे लगाया जा सकता है? मेरे पास राज्य की जिम्मेदारी थी।
मुंबई : हुए शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से जुड़े विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सवाल किया कि अजित ने बगावत शुरू करने के बजाय चुनाव के जरिए पार्टी अध्यक्ष बनने की कोशिश क्यों नहीं की। आव्हाड ने कहा, 'अगर अजित पवार शरद पवार के भतीजे नहीं होते, तो उन्हें अपने राजनीतिक जीवन में इतनी जल्दी अवसर नहीं मिलते।
यही कारण है कि अजित पवार 1991 में सांसद, 1993 में विधायक और फिर (राज्य) मंत्री बने।' उन्होंने कहा, '1999 से 2014 तक अजित पवार के पास सभी महत्वपूर्ण विभाग थे। अजित के कृत्यों ने पार्टी की छवि को खराब किया लेकिन शरद पवार ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया क्योंकि वह अजित से जुड़े थे।'
अजित पवार ने अपने चाचा का नाम लिए बिना कहा, 'यदि मेरा जन्म वरिष्ठ नेता (शरद पवार) के घर हुआ होता तो मैं स्वाभाविक रूप से पार्टी का अध्यक्ष बन जाता, बल्कि पार्टी मेरे नियंत्रण में आ जाती। लेकिन, मैं आपके भाई के घर पैदा हुआ।' अजित ने कहा कि समूचा परिवार उनके विरूद्ध है किंतु पाटी कार्यकर्ता उनके साथ हैं। उन्होंने कहा, 'हमें निशाना बनाया गया। कहा गया कि हमने यह फैसला (बीजेपी से हाथ मिलाने) सिर्फ अपने खिलाफ जांचों को रोकने के लिए लिया। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या हमारे साथ जो लोग हैं, उनमें से हर कोई जांच का सामना कर रहा है?'
अजित पवार ने दावा किया कि यदि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के लिए शरद पवार की पसंद को मान लिया होता तो उनकी सराहना हो रही होती। उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं जब पार्टी का अध्यक्ष बन गया तो हमारे बारे मे कहा गया कि हम किसी भी काम के नही हैं।' अजित ने कहा कि वह बारामती से एक ऐसा उम्मीदवार खड़ा करेंगे जिसने पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा हो लेकिन उस व्यक्ति के पास पर्याप्त अनुभव वाले समर्थक होंगे। अजित पवार ने कहा कि लोगों को इस उम्मीदवार को यह मानकर वोट देना चाहिए जैसे कि वह स्वयं चुनाव में उतरे हो।
बारामती से सांसद सुप्रिया सुले पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए अजित ने कहा कि सिर्फ भाषण देने और सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में पुरस्कार जीतने से राजनीति में काम नहीं होता है। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कोई काम नहीं किया है, जबकि उनका अपने निर्वाचन क्षेत्र से संपर्क टूट गया है।
उन्होंने कहा, 'हम केवल संसद में ऐसे लोगों को नहीं चुन सकते जो कोई काम नहीं करते हैं, केवल संसद में भाषण देने से मुद्दों का समाधान नहीं होता है। अगर मैं यहां (बारामती) नहीं आता हूं और सिर्फ मुंबई में भाषण देता हूं और सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार प्राप्त करता हूं और यहां काम की देखरेख नहीं करता हूं, तो क्या यहां काम होगा?'
जाहिर तौर पर अजित पवार का निशाना सुप्रिया सुले थीं, क्योंकि सुले को कई बार 'सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है। अजित ने सुले पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को उनकी बात माननी चाहिए जब वह कहते हैं कि उनके समूह का एक उम्मीदवार सुले से ज्यादा काम करेगा। उन्होंने कहा, 'इस क्षेत्र में पहले चुने गए सांसद से ज्यादा हमारे नए सांसद (अजीत खेमे) काम करेंगे।
सुले की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कि उन्होंने कभी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना नहीं किया, अजीत ने कहा, 'कुछ लोग कहते हैं कि हमारे ऊपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है, लेकिन आप कभी मंत्री नहीं थे, तो आप पर भ्रष्टाचार का आरोप कैसे लगाया जा सकता है? मेरे पास राज्य की जिम्मेदारी थी।
जो लोग काम करते हैं, उन पर आरोप लगना तय है। जो लोग काम नहीं करते, उनका पाक साफ रहना तय है। अगर कोई काम किया जाता, तो हमने पिछले 15 वर्षों में देखा होता।' बता दें कि शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने अभी तक कभी मंत्री पद नही संभाला है।
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