अजित खेमे की याचिका पर हाईकोर्ट का महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को नोटिस...
High Court issues notice to Maharashtra Assembly Speaker on Ajit camp's petition...
शरद पवार खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले को अजित पवार गुट ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अजित खेमे की याचिका पर हाईकोर्ट ने नार्वेकर को नोटिस जारी किया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के मुख्य सचेतक अनिल पाटिल ने शरद पवार खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के स्पीकर के फैसले को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की थीं।
महाराष्ट्र : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शरद पवार वाली गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने को लेकर शरद पवार और भतीजे अजित पवार में तनाव बना हुआ है। हालांकि, एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न अजित के पाले में चला गया, लेकिन विधायकों को अयोग्य घोषित करने वाली मांग पूरी नहीं हुई।
शरद पवार खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले को अजित पवार गुट ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अजित खेमे की याचिका पर हाईकोर्ट ने नार्वेकर को नोटिस जारी किया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के मुख्य सचेतक अनिल पाटिल ने शरद पवार खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के स्पीकर के फैसले को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की थीं।
न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय को भी नोटिस जारी किया और सभी प्रतिवादियों को याचिकाओं पर अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख तय की है।
पाटिल ने अपनी याचिकाओं में उच्च न्यायालय से अध्यक्ष के हालिया आदेश को कानून की नजर में गलत घोषित कर उसे रद्द करने और सभी 10 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया है। पाटिल के वकील मुकुल रोहतगी ने बुधवार को अदालत से कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो निष्कर्ष दिए हैं, वे अजित पवार के पक्ष में हैं। सिर्फ एक फैसला उनके खिलाफ है, जिसमें शरद पवार के खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया गया था।
इससे पहले 15 फरवरी को महाराष्ट्र की सियासत में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला हुआ था। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मामले में आदेश सुनाया था। राहुल नार्वेकर ने अपने आदेश में कहा था कि अजित पवार गुट ही 'असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी' है। निर्णय विधायी बहुमत पर आधारित था। ऐसे में अजित गुट को अयोग्य नहीं ठहरा सकते।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि जुलाई 2023 में जब पार्टी में दो गुट उभरे तो अजित पवार के नेतृत्व वाला समूह ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी थी। नार्वेकर ने विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। दरअसल, पार्टी में टूट के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार के नेतृत्व वाले विरोधी गुटों ने अयोग्यता याचिकाएं दायर की थीं।
महाराष्ट्र में नवंबर 2019 में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार बनी थी। इसके घटक दल राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस थे, लेकिन 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद यह सरकार गिर गई और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा की सरकार सत्ता में आई। इसके बाद राकांपा के अजित पवार और आठ विधायक भी पिछले साल जुलाई में सरकार में शामिल हो गए थे।
इस घटनाक्रम के बाद शरद पवार की बनाई गई पार्टी राकांपा दो फाड़ हो गई। शरद पवार खेमे ने अजित पवार गुट में शामिल होने वाले पांच विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर कीं थीं, जबकि प्रतिद्वंद्वी गुट ने पार्टी संस्थापक के पक्ष के तीन विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी।
विधान परिषद के आठ सदस्यों सतीश चव्हाण, अनिकेत तटकरे, विक्रम काले, अमोल मितकारी, रामराजे नाइक निंबालकर (अजित पवार खेमे से) और एकनाथ खडसे, शशिकांत शिंदे और अरुण लाड (शरद पवार गुट से) को अयोग्य ठहराए जाने की मांग की गई थी।
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