गर्मी की दस्तक देते ही देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या... महाराष्ट्र ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए तैयार की योजना
With the arrival of summer, there is water problem in many parts of the country... Maharashtra has prepared a plan for drought affected areas.
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महाराष्ट्र में इस साल कम बारिश हुई थी जिसके कारण राज्य के कई जिलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। सबसे विकराल स्थिति मराठवाड़ा की लग रही है। राज्य में पानी की मौजूदा हालात की जानकारी देते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि मराठवाड़ा में पिछले साल 47 फीसदी जल भंडारण था, अब सिर्फ 24 फीसदी जल भंडारण है। इस वर्ष राज्य में 46 प्रतिशत जल भंडारण है। तो देखा जा रहा है कि पानी में भारी कमी आ रही है।
मुंबई : गर्मी की दस्तक देते ही देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या खड़ी होने लगी है। बेंगलुरु भीषण जल संकट का सामना कर रहा है। देश के कई हिस्सों कम बारिश के कारण इस बार जल संकट विकराल रुप ले सकता है। गर्मी की शुरुआत होते ही महाराष्ट्र में भी पानी की समस्या खड़ी होने लगी है। खासकर मराठवाड़ा इलाके में अभी से पानी की कमी दिखाई दे रही है। आने वाले महीनों में खड़े होने वाले जल संकट को देखते हुए राज्य सरकार अभी से सतर्कता बरतना शुरु कर दी है।
महाराष्ट्र में इस साल कम बारिश हुई थी जिसके कारण राज्य के कई जिलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। सबसे विकराल स्थिति मराठवाड़ा की लग रही है। राज्य में पानी की मौजूदा हालात की जानकारी देते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि मराठवाड़ा में पिछले साल 47 फीसदी जल भंडारण था, अब सिर्फ 24 फीसदी जल भंडारण है। इस वर्ष राज्य में 46 प्रतिशत जल भंडारण है। तो देखा जा रहा है कि पानी में भारी कमी आ रही है।
मराठवाड़ा समेत अन्य इलाकों में सूखे और सूखे जैसे हालात हैं। जुलाई 2024 तक जल नियोजन किया जा रहा है और पहले पेयजल , पेयजल आपातकाल समाप्त होने के बाद यदि पानी बचेगा तो कृषि के लिए पानी और फिर उद्योगों के लिए पानी मिलेगा । वर्तमान में बांध में पानी का भंडारण कम हो रहा है और इस कारण गाद मुक्त बांध और गाद युक्त शिवार की योजना लागू की जा रही है और इससे किसानों को फायदा हो रहा है।
फडणवीस ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई के बैकलॉग को दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। विदर्भ के लिए वैनगंगा , पैनगंगा , नलगंगा नदी कनेक्शन परियोजना पर काम किया जा रहा है। नागपुर , अमरावती , वर्धा , अकोला , यवतमाल , बुलढाणा और वाशिम सभी जिलों को बहुत फायदा होगा।
पश्चिम की ओर बहने वाले पानी को गोदावरी बेसिन की ओर मोड़ा जाएगा, जिससे मराठवाड़ा सूखा मुक्त हो जाएगा। उत्तर महाराष्ट्र के नासिक शहर में दिख रहा तनाव कम होगा. उनके लिए भी हम 2024 में तापी रिचार्ज प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं । गोसीखुर्द परियोजना का काम ख़त्म हो गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल 27 परियोजनाओं में से 10 परियोजनाएं पूरी हो गईं।
हाल ही में पेश किए गए बजट में विदर्भ मराठवाड़ा की सिंचाई के लिए बड़ा प्रावधान किया गया है। सिंचाई योजना सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली है। इससे किसानों की बड़ी समस्या का समाधान हो जायेगा। मुख्यमंत्री सौर कृषि योजना के माध्यम से खेती के लिए पानी प्राप्त करने की योजना शुरू की गई है। जिससे किसान को दिन में बिजली मिलेगी।
केंद्र सरकार ने सभी से इस मॉडल को हर राज्य में लागू करने की अपील की है। बिजली आपूर्ति सुचारू बनाए रखने, रोहित्रा के प्रतिस्थापन और उसकी उपलब्धता के लिए 1500 करोड़ रुपये की नई योजना बनाई गई है। 15 साल से अधिक पुराने रोहित्रास (ट्रांसफार्मर) बदले जाएंगे। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत जिन घरों में सोलर लगा होगा उन्हें 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। पहले चरण में 7 शहरों का चयन किया गया है। महाराष्ट्र हरित हाइड्रोजन नीति वाला पहला राज्य है। इसमें छह परियोजनाएं भाग लेंगी।
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