राज्य में अब तक राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगाया गया - आदित्य ठाकरे
Why has President's rule not been imposed in the state yet - Aditya Thackeray
आदित्य ठाकरे ने कहा, "महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे के एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद मुख्यमंत्री के नाम का फैसला नहीं हो पाना, न केवल महाराष्ट्र का अपमान है (हमारे राज्य को इतने हल्के में लेने के लिए), बल्कि उनके प्रिय चुनाव आयोग द्वारा प्रदान की गई सहायता का भी अपमान है। ऐसा लगता है कि नियम सिर्फ विपक्षी दलों पर ही लागू होते हैं, जबकि कुछ विशेष लोगों के लिए ये नियम लागू नहीं होते। राज्य में सरकार बनाने का दावा किए बिना और नंबर दिखाए बिना एकतरफा शपथ ग्रहण की तारीख की घोषणा करना पूरी तरह से अराजकता है।"
मुंबई : शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद भी मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला न होने और सरकार न बनने से महाराष्ट्र का अपमान हो रहा है। ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर सवाल उठाते हुए यह भी पूछा कि राज्य में अब तक राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगाया गया।
आदित्य ठाकरे ने कहा, "महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे के एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद मुख्यमंत्री के नाम का फैसला नहीं हो पाना, न केवल महाराष्ट्र का अपमान है (हमारे राज्य को इतने हल्के में लेने के लिए), बल्कि उनके प्रिय चुनाव आयोग द्वारा प्रदान की गई सहायता का भी अपमान है। ऐसा लगता है कि नियम सिर्फ विपक्षी दलों पर ही लागू होते हैं, जबकि कुछ विशेष लोगों के लिए ये नियम लागू नहीं होते। राज्य में सरकार बनाने का दावा किए बिना और नंबर दिखाए बिना एकतरफा शपथ ग्रहण की तारीख की घोषणा करना पूरी तरह से अराजकता है।"
उन्होंने आगे लिखा, "इस पूरे मामले में, कार्यवाहक मुख्यमंत्री, चंद्रमा की चाल के अनुसार, मिनी वेकेशन पर हैं, जैसा कि पहले भी देखा गया है। इस बीच, महाराष्ट्र को उन लोगों की ओर से कोई प्राथमिकता नहीं मिल रही है जो सरकार बना सकते हैं। वे दिल्ली यात्रा का आनंद ले रहे हैं। प्रेसिडेंट रूल? क्या इसे अब तक लागू नहीं किया जाना चाहिए था? क्या यह नहीं होता, अगर विपक्ष के पास संख्या होती और फैसला लंबित होता? खैर, जो भी अंततः शपथ लेगा, उसे हमारी बधाई, चुनाव आयोग के जनादेश के लिए धन्यवाद।"
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