पालघर जिले में शिशु मृत्यु दर के बाद मातृ मृत्यु दर में बढ़ोतरी
Maternal mortality rate rises after infant mortality rate in Palghar district
पालघर जिले में शिशु मृत्यु दर के बाद मातृ मृत्यु दर में भी काफी बढ़ोतरी होने की बात सामने आई है। २०१४ से अब तक १५५ माताओं की मृत्यु हो चुकी है। इस वर्ष पालघर जिले में बीस माताओं की मृत्यु हो गई। मातृ मृत्यु दर सबसे अधिक पालघर तालुका में है, इसके बाद दहाणू, जवाहर और विक्रमगढ़ तालुकाओं का नंबर आता है।
मुंबई : पालघर जिले में शिशु मृत्यु दर के बाद मातृ मृत्यु दर में भी काफी बढ़ोतरी होने की बात सामने आई है। २०१४ से अब तक १५५ माताओं की मृत्यु हो चुकी है। इस वर्ष पालघर जिले में बीस माताओं की मृत्यु हो गई। मातृ मृत्यु दर सबसे अधिक पालघर तालुका में है, इसके बाद दहाणू, जवाहर और विक्रमगढ़ तालुकाओं का नंबर आता है। अपर्याप्त पोषण के कारण समय से पहले जन्म, कम उम्र में विवाह, शारीरिक समस्याएं और गर्भावस्था की समस्याएं भी मृत्यु दर में वृद्धि करती पाई गई हैं।
पालघर जिले के ग्रामीण इलाकों में बाल विवाह जैसी अवांछनीय प्रथा आज भी जारी है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि गर्भवती माताओं की मृत्यु स्तन कैंसर और कम उम्र में शादी होने से होनेवाली शारीरिक समस्याओं के कारण होती है। तमाम उपायों के बाद भी सुदूर ग्रामीण इलाकों में बाल विवाह हो रहे हैं। मातृ मृत्यु दर को रोकने के लिए महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा स्वस्थ आहार, एपीजे अब्दुल कलाम आहार योजना जैसी कई अलग-अलग योजनाएं लागू की जाती हैं। उसके उपरांत भी मातृ मृत्यु दर जारी है। अक्टूबर २०२४ तक १० माताओं की मृत्यु हो चुकी है।
Comment List