सरकार में अगर हिम्मत है... तो जातिगत जनगणना कराए - विजय वडेट्टीवार
If the government has courage... then it should conduct caste census - Vijay Wadettiwar
वडेट्टीवार ने कहा, राज्य में पानी की भारी कमी है। पानी के लिए पर्याप्त संतुलन नहीं है। आम लोगों और मवेशियों को काफी परेशानी हो रही है इसलिए सरकार को सूखा घोषित कर किसानों की दिवाली मीठी बनानी चाहिए। सरकार ने सत्ताधारी विधायकों के इलाके में सूखा घोषित कर राज्य के किसानों के साथ अन्याय किया है।
मुंबई : बौद्धिक सूखेपन के कारण अक्सर सरकार प्राकृतिक सूखे की मांग को लेकर भी संवेदनशील नहीं होती है। केवल सत्तारूढ़ दल के प्रतिनिधियों के तालुकाओं में सूखे की घोषणा करके विधायकों की दिवाली को मीठा करने की बजाय सरकार को राज्य में सामान्य सूखे की घोषणा करके राज्य के सभी किसानों की दिवाली को मीठा करना चाहिए। जस्टिस शिंदे समिति द्वारा पूरे महाराष्ट्र में कुनबी जाति का रिकॉर्ड ढूंढने का काम चल रहा है।
जब यह कार्य किया जा रहा है तो अन्य पिछड़ा वर्ग सहित सभी जातियों का रिकॉर्ड मंगाकर इसका श्वेत पत्र प्रकाशित किया जाना चाहिए। इस संदर्भ में सरकार जस्टिस शिंदे समिति को निर्देश दे, इसके साथ ही सरकार में अगर हिम्मत है, तो जातिगत जनगणना कराए, ऐसी मांग विधानसभा विरोधी दल नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार से की है। कल विधानभवन में आयोजित पत्रकार परिषद में उक्त मांग की।
वडेट्टीवार ने कहा, राज्य में पानी की भारी कमी है। पानी के लिए पर्याप्त संतुलन नहीं है। आम लोगों और मवेशियों को काफी परेशानी हो रही है इसलिए सरकार को सूखा घोषित कर किसानों की दिवाली मीठी बनानी चाहिए। सरकार ने सत्ताधारी विधायकों के इलाके में सूखा घोषित कर राज्य के किसानों के साथ अन्याय किया है।
इससे सरकार का बौद्धिक सूखा उजागर हो गया है। अब सरकार को दूसरे चरण में सूखा घोषित करने की अक्ल आ गई है। लेकिन दूसरे चरण में शेष सत्ताधारी विधायकों के तालुका में सूखा घोषित कर विधायकों की दिवाली मीठी करने की बजाय किसानों की दिवाली मीठी की जानी चाहिए। सरकार को सूखा घोषित करने में राजनीति नहीं करनी चाहिए।

