महायुति सरकार द्वारा आयोजित चाय पार्टी का विपक्ष ने बहिष्कार; किसान और दलित विरोधी होने का लगाया आरोप
Opposition boycotts tea party organised by Mahayuti government; accuses it of being anti-farmer and anti-Dalit
हर बार की तरह इस बार भी विपक्ष ने सरकार पर आरोपों की बरसात करते हुए चाय-पान पार्टी का बहिष्कार किया। सरकार को किसान, दलित विरोधी बताते हुए कहा कि महज एक सप्ताह के शीतकालीन-सत्र में सरकार विदर्भ के साथ कैसे न्याय कर पाएगी। विपक्ष की बैठक से समाजवादी पार्टी से कोई भी शामिल नहीं हुआ। नागपुर में शीतकालीन-सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इससे पहले सत्र की पूर्व संध्या पर महायुति सरकार ने चाय पार्टी का आयोजन किया, जिसका विपक्ष ने बहिष्कार किया।
नागपुर : हर बार की तरह इस बार भी विपक्ष ने सरकार पर आरोपों की बरसात करते हुए चाय-पान पार्टी का बहिष्कार किया। सरकार को किसान, दलित विरोधी बताते हुए कहा कि महज एक सप्ताह के शीतकालीन-सत्र में सरकार विदर्भ के साथ कैसे न्याय कर पाएगी। विपक्ष की बैठक से समाजवादी पार्टी से कोई भी शामिल नहीं हुआ। नागपुर में शीतकालीन-सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इससे पहले सत्र की पूर्व संध्या पर महायुति सरकार ने चाय पार्टी का आयोजन किया, जिसका विपक्ष ने बहिष्कार किया। दोपहर में महाविकास आघाड़ी के घटक दल कांग्रेस, उद्धव सेना और शरद पवार की पार्टी ने बैठक की। बैठक में सदन से सड़क तक सरकार को घेरने को रणनीति बनाई गई, लेकिन बैठक में समाजवादी पार्टी सहित अन्य विरोधी पक्ष के नेता शामिल नहीं हुए, जिसे लेकर महाविकास अघाड़ी की एकता पर सवाल उठाया गया।
विपक्षी दलों ने इसलिए किया पार्टी का बहिष्कार
बैठक के बाद विधान परिषद में नेता विपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि यह सरकार ईवीएम के दम पर आई है। सरकार में कोई मानवता नहीं है। किसानों को सोयाबीन, कपास का दाम नहीं मिल रहा है। दूध का मूल्य नहीं मिल रहा है। कानून व्यवस्था की हालत ऐसी है कि जेल में बंद कैदी की मृत्यु हो गई। बीड जिले के सरपंच की हत्या कर दी गई। कहां है कानून-व्यवस्था। ऐसे में अगर हम सरकार के चाय-पान पार्टी में जाएंगे, तो यह जनता के साथ अन्याय होगा इसलिए हम लोगों ने चाय-पान पार्टी के बहिष्कार का निर्णय लिया है।
किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह ईवीएम वाली सरकार है, जिसका जनता विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि ईवीएम का विरोध करने वालों पर सरकार मुकदमे कर रही है। उन्हें जेल में डाल रही है। जिस विदर्भ में किसान आत्महत्या कर रहे हैं उसी विदर्भ के नागपुर में शीतकालीन-सत्र होने जा रहा है। किसानों को उनकी फसलों का मूल्य नहीं मिल रहा है। उस पर महज एक सप्ताह का सेशन है। ऐसे में सरकार किसानों के साथ कैसे न्याय करेगी?
विपक्ष में निराश का माहौल दिखा
महाविकास आघाड़ी (एमवीए) की इस बैठक में कोई जोश नहीं था, बल्कि यह बैठक महज खानापूर्ति बनकर रह गई। दानवे, वडेट्टीवार के अलावा कांग्रेस के नाना पटोले, शरार पवार एनसीपी के जितेंद्र आव्हाड, उद्धव सेना के मुख्य प्रतोद सुनील प्रभू, महेश सावंत, ज. मो. अभ्यंकर उपस्थित थे। बैठक में कई सारे सहयोगी दल के नेता शामिल नहीं हुए। समाजवादी ने पहले ही महाविकास आघाडी से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है। विपक्ष बेदम दिखाई दे रहा है।
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