आरोपी को जमानत दिए जाने के मामले में किशोर न्याय बोर्ड के दो सदस्यों की सेवाएं कर दी समाप्त
Services of two members of the Juvenile Justice Board terminated in the case of granting bail to the accused
महाराष्ट्र सरकार ने पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में एक किशोर आरोपी को जमानत दिए जाने के मामले में किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के दो सदस्यों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। राज्य महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग के एक जांच पैनल ने कथित "प्रक्रियात्मक चूक, कदाचार और मानदंडों का पालन न करने" के लिए दो सदस्यों - एल एन दानवड़े और कविता थोराट के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी।
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में एक किशोर आरोपी को जमानत दिए जाने के मामले में किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के दो सदस्यों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। राज्य महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग के एक जांच पैनल ने कथित "प्रक्रियात्मक चूक, कदाचार और मानदंडों का पालन न करने" के लिए दो सदस्यों - एल एन दानवड़े और कविता थोराट के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी।
डब्ल्यूसीडी विभाग के आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने पीटीआई को बताया, "मैंने जांच पैनल की रिपोर्ट राज्य सरकार को दी थी और सिफारिश की थी कि दोनों सदस्यों की नियुक्ति समाप्त कर दी जानी चाहिए।" उन्होंने कहा, "बर्खास्तगी की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट जुलाई में राज्य सरकार को भेजी गई थी। राज्य सरकार ने मंगलवार को दोनों सदस्यों की नियुक्ति समाप्त कर दी क्योंकि उन्हें किशोर न्याय अधिनियम के तहत प्रदान की गई अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया।" राज्य सरकार द्वारा 8 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जांच में, दानवड़े और थोरात को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम-2015 के तहत निहित “अपनी शक्तियों का दुरुपयोग” करने का दोषी पाया गया है, और सरकार दोनों सदस्यों की नियुक्ति को समाप्त करना उचित समझती है।
19 मई को, पुणे के कल्याणी नगर इलाके में दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी, जब उनकी मोटरसाइकिल को एक तेज रफ्तार पोर्श कार ने टक्कर मार दी थी, जिसे कथित तौर पर नशे की हालत में 17 वर्षीय एक लड़का चला रहा था।इस मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर हंगामा मचा दिया था, जब तत्कालीन जेजेबी सदस्य दानवड़े ने एक बिल्डर के बेटे आरोपी को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने सहित बहुत ही नरम शर्तोंपर जमानत दे दी थी।बाद में, नाबालिग आरोपी को जमानत दिए जाने के संबंध में दो जेजेबी सदस्यों के आचरण की जांच के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक समिति गठित की गई थी।
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