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नागपुर: ठग कांस्टेबल पुलिस की गिरफ्त में... थाने में जब्त वाहन बेचने का झांसा देकर कई लोगों को लगाया चूना

नागपुर: ठग कांस्टेबल पुलिस की गिरफ्त में... थाने में जब्त वाहन बेचने का झांसा देकर कई लोगों को लगाया चूना आरोपी कांस्टेबल पांचपावली पुलिस क्वार्टर निवासी सचिन भाऊराव ढोले (38) बताया गया। फिलहाल उसकी पोस्टिंग पुलिस मुख्यालय में है लेकिन जानकारी मिली है कि वह पिछले 3 महीनों से ड्यूटी पर अनुपस्थित था। जरीपटका पुलिस ने कुशीनगर निवासी हिमांशु राजेश वाघमारे (21) की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। हिमांशु शिक्षण ले रहा है। उसके पिता राजेश ऑटो चालक है। कुछ समय पहले उनकी सचिन से मुलाकात हुई थी। सचिन ने उन्हें अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के बारे में पूछा था।
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नागपुर : मसाज और स्पा की आड़ में के नाम पर चल रहा था देह व्यापार... महिला गिरफ्तार

नागपुर : मसाज और स्पा की आड़ में के नाम पर चल रहा था देह व्यापार...  महिला गिरफ्तार पुलिस को जानकारी मिली थी कि मेहाड़िया चौक पर स्थित ट्रू रिलैक्स फैमिली सलून व स्पा सेंटर में देह व्यवसाय चल रहा है। खबर के आधार पर पुलिस दस्ते ने पंटर ग्राहक भेजकर सौदा तय किया। इशारा मिलते ही जाल बिछाकर बैठे दल ने छापा मार दिया। स्पा के नाम पर सलून में अलग-अलग कंपार्टमेंट बनाए गए थे। यहां ग्राहकों को प्रलोभन देकर देह व्यवसाय किया जा रहा था। जांच करने पर 5 युवतियां मिलीं। जिन्हें पैसों को लालच देकर देह व्यवसाय की दल-दल में झोंका गया था।
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नागपुर में दंपती ने नवजात बेटे को 1.10 लाख रुपये में बेचा... 6 गिरफ्तार

नागपुर में दंपती ने नवजात बेटे को 1.10 लाख रुपये में बेचा... 6 गिरफ्तार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुनील उर्फ भोंदू दयाराम गेंड्रे (31) और उसकी पत्नी श्वेता (27) के रूप में की गई है। वहीं, निःसंतान दंपती की पहचान ठाणे जिले के बदलापुर निवासी पूर्णिमा शेल्के (32) और उसके पति स्नेहदीप धरमदास शेल्के (45) के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि दोनों मध्यस्थों की पहचान नागपुर निवासी किरण इंगले (41) और उनके पति प्रमोद इंगले (45) के रूप में हुई है।
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नागपुर/ मेडिकल-मेयो में अब तक 90 मरीजों की मौत... प्राइवेट ओपीडी बंद होने से भटकते रहे मरीज

नागपुर/ मेडिकल-मेयो में अब तक 90 मरीजों की मौत...  प्राइवेट ओपीडी बंद होने से भटकते रहे मरीज ओपीडी के सामने प्रदर्शन कर अपना विरोध भी प्रकट किया। अब डॉक्टरों की हड़ताल गंभीर स्थिति में पहुंच रही है। सेंट्रल मार्ड पुख्ता सुरक्षा इंतजाम सहित अन्य मांगें कर रहा है। अब तक सेंट्रल मार्ड के साथ वैद्यकीय आयुक्त, सचिव और संचालक के साथ 2-3 दौर की बैठकें भी हुईं लेकिन सरकार लिखित आश्वासन देने को तैयार नहीं है। दोनों के बीच संघर्ष की वजह से आम जनता को परेशान होना पड़ रहा है। बीमारियों के सीजन में मरीजों को बिना इलाज के ही लौटने जैसी नौबत आ गई है।
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