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लोकतंत्र मजबूत रहे, इसके लिए मीडिया का स्वतंत्र रहना जरूरी है - सुप्रीम कोर्ट 

लोकतंत्र मजबूत रहे, इसके लिए मीडिया का स्वतंत्र रहना जरूरी है - सुप्रीम कोर्ट  अदालतें एक दस्तावेज से संवेदनशील हिस्सों को हटा सकती हैं और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करने के लिए न्यायिक कार्यवाही के दौरान इसे दूसरे पक्ष को बता सकती हैं। मीडिया द्वारा सरकार की नीतियों की आलोचना को राष्ट्रविरोधी नहीं करार दिया जा सकता है। बता दें कि केंद्र सरकार ने जनवरी में ‘सुरक्षा कारणों’ का हवाला देते हुए मलयालम न्यूज चैनल ‘मीडियावन’ के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिलने के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस चैनल के ब्रॉडकास्ट लाइसेंस को रिन्यू करने से इनकार कर दिया था।
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