आगरा : 66 वर्षीय दूल्हा; 57 वर्षीय दुल्हन; आगरा स्थित वृद्धाश्रम में विशेष विवाह
Agra: 66-year-old groom; 57-year-old bride; special wedding at an old age home in Agra

सिकंदरा स्थित रामलाल वृद्धाश्रम में विशेष विवाह हुआ। अपने के ठुकराए और दुत्कारे गए आश्रम निवासियों के बीच के ही 66 वर्षीय मुन्नालाल जब दूल्हा बनकर 57 वर्षीय प्रमिला को ब्याहने बरात लेकर निकले, तो आश्रम निवासी प्रत्येक बुजुर्ग भावुक हो गया और बराती बनाकर उनकी खुशियों में शामिल हुए। इस विवाह को देख 90 वर्षीय मां की आंखों से खुशी के आंसू झलक पड़े, जो अपने बेटे की बहू लाने की वर्षों से प्रतीक्षा में थीं। भावनाओं से भरे इस घटनाक्रम ने सभी की आंखें नम और मन द्रवित कर दिया।
आगरा। सिकंदरा स्थित रामलाल वृद्धाश्रम में विशेष विवाह हुआ। अपने के ठुकराए और दुत्कारे गए आश्रम निवासियों के बीच के ही 66 वर्षीय मुन्नालाल जब दूल्हा बनकर 57 वर्षीय प्रमिला को ब्याहने बरात लेकर निकले, तो आश्रम निवासी प्रत्येक बुजुर्ग भावुक हो गया और बराती बनाकर उनकी खुशियों में शामिल हुए। इस विवाह को देख 90 वर्षीय मां की आंखों से खुशी के आंसू झलक पड़े, जो अपने बेटे की बहू लाने की वर्षों से प्रतीक्षा में थीं। भावनाओं से भरे इस घटनाक्रम ने सभी की आंखें नम और मन द्रवित कर दिया। वृद्धावस्था में अकेलेपन का दर्द झेल रहे मुन्नालाल और प्रमिला ने जैसे ही एक-दूसरे का हाथ थामकर जीवनभर साथ निभाने का वचन दिया, तो सभी ने दिल से उन्हें खुशियों भरा आशीर्वाद दिया।
विवाह समारोह हल्दी और मेहंदी की रस्मों से आरंभ हुआ, जिसमें वृद्धाश्रम के बुजुर्ग उत्साह के साथ शामिल हुए। गुरुवार को निकाली गई बरात में आश्रम के 300 से अधिक बुजुर्ग माता-पिता बाराती बने और बैंडबाजों पर जमकर नाचे। आश्रम अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने दुल्हन प्रमिला के पिता की भूमिका निभाई। पिता के रूप में उन्होंने कन्यादान किया तो उपस्थित सभी लोगों की अश्रुधारा बह निकली। पिता के रूप में व्यवस्थाएं शिवकुमार शर्मा और उनके परिवार ने निभाई।
वहीं मुन्नालाल के मात-पिता की भूमिका आश्रम निवासी बुजुर्ग माता-पिता ने निभाई। एक बुजुर्ग माता-पिता ने कन्यादान की रस्म निभाई। विवाह को देख, प्रत्येक व्यक्ति कहता दिखा कि जोड़ियां भले धरती पर मिले, लेकिन उन्हें बनाकर भेजता भगवान ही है। तभी तो वर्षों की प्रतीक्षा के बाद मुन्नालाल और प्रमिला को आयु के इस पड़ाव पर यह खुशी मिली।
अब नहीं रहेगा वृद्धावस्था में अकेलेपन का डर
आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन और संयोजक सुनील जैन का कहना था कि बुजुर्गों के लिए अकेले जीवन जीना सबसे कठिन होता है। इस विवाह ने समाज को संदेश दिया कि विवाह किसी भी उम्र में नया सहारा और संबल दे सकता है। उन्होंने विधवा महिलाओं और एकल बुजुर्गों के पुनर्विवाह को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाने की बात कही, ताकि उनके जीवन में भी खुशियों के रंग भरे जा सकें। नंदकिशोर, विनय शर्मा, डा. श्वेतांग प्रकाश, डा. शिवांग प्रकाश मौजूद रहे।
ऐसा था अब तक का जीवन
57 वर्षीय प्रमिला बुलंदशहर निवासी हैं। पति और पुत्रियों की मृत्यु के बाद परिवारजन व चचिया ससुर ने उनकी सारी संपत्ति लेकर उन्हें घर से निकाल दिया। किसी ने रामलाल आश्रम की जानकारी दी, तो कुछ माह पूर्व ही वह यहां रहने के लिए आयीं थीं। वहीं जालौन निवासी 66 वर्षीय मुन्नालाल आश्रम में अपनी 90 वर्षीय मां के साथ करीब एक वर्ष से रह रहे हैं। बुजुर्ग मां की सेवा के लिए उन्होंने शादी नहीं की। आटो रिक्शा चलाकर जीवन यापन करने के दौरान जब मां की देखभाल मुश्किल हुई, तो किसी के बताने पर रामलाल आश्रम में रहने आ गए। यहां रहने के दौरान दोनों का आपसी सामंजस्य बना। प्रमिला मां की निस्वार्थ सेवा भी करने लगीं, तो दोनों एक होने का निर्णय लिया।
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