शिंदे-फडणवीस की मुलाकात ने बढ़ाई चिंता, ठाकरे को शरद पवार से उम्मीद…
trong>Rokthok Lekhani
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में शिवसेना का अंदरूनी संकट नया राजनीतिक मोड़ लेता जा रहा है। जहां शिवसेना सरकार से ज्यादा अपनी पार्टी को बचाने में जुटी है, वहीं भाजपा की सक्रियता भी अब नई सरकार बनने के लिए दिखने लगी है। इस बीच, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के बीच मुलाकात की खबर भी आई, लेकिन भाजपा ने अभी तक इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है।
शिवसेना के बागी गुट के पास दो तिहाई विधायकों का समर्थन होने के दावे के बाद भी भाजपा खुलकर सामने नहीं आई है। इसकी कुछ वजह भी है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा चाहती है कि पहले बागी गुट को विधानसभा में मान्यता मिले या फिर विधायक दल और सांसदों के साथ संगठन स्तर पर भी शिवसेना में विभाजन हो। बागी गुट खुद असली शिवसेना होने का दावा करें। ऐसी स्थितियों में बागी विधायकों की सदस्यता तो बनी ही रहेगी साथ ही भाजपा के साथ विलय से भी बचा जा सकेगा।
इस बीच, सभी की नजर एनसीपी नेता शरद पवार के भावी रुख पर भी लगी हुई है कि वह महा विकास आघाडी सरकार को बचाने के लिए कोई प्रयास करते हैं या शिवसेन को उसके हाल पर छोड़ देना चाहते हैं। फिलहाल शिवसेना अकेले ही लड़ाई लड़ रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई विभिन्न बैठकों में उम्मीद से कम नेताओं के पहुंचने से भी शिवसेना का संकट बढ़ा है। वहीं बागी भी बहुत संभलकर धीरे-धीरे आगे कदम बढ़ा रहे हैं और अभी तक ऐसा कोई कदम उठाया जिससे कि बाजी उसके हाथ से निकले।
एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की वड़ोदरा में शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात मुलाकात की बातें बाहर निकलकर नहीं आई है। मुंबई, बड़ोदरा और गुवाहाटी के बीच जो कुछ हुआ वह राज्य में भावी सरकार बनने की दिशा की एक बड़ी कवायद है। माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिन में स्थति साफ हो सकेगी।
बागी गुट विधानसभा उपाध्यक्ष से लेकर राजभवन तक असली शिवसेना होने का दावा कर सकता है। भाजपा नेतृत्व भी इस मामले में जल्दबाजी नहीं कर रहा है और वह शिवसेना की पूरी टूट के बाद ही पूरी और स्थिति साफ होने के बाद ही अपनी रणनीति का खुलासा करेगा। माना जा रहा है कि राज्य में अब महा विकास आघाडी सरकार का चल पाना संभव नहीं है और भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनने का रास्ता भी धीरे-धीरे बनता जा रहा है।
Comment List