कोलकाता और थाईलैंड के बीच जल्द शुरू होगी सड़क परियोजना, अगले 4 सालों में बनकर तैयार हो जाएगा त्रिदेशीय हाईवे
Road project between Kolkata and Thailand will start soon, three country highway will be ready in next 4 years
कोलकाता से विमान के अलावे आगामी कुछ वर्षों में अब सड़क मार्ग से लोग थाईलैंड जा सकेंगे। क्योंकि भारत-म्यांमार और थाईलैंड को जोड़ने वाला बहुप्रतीक्षित त्रिदेशीय राजमार्ग अगले चार वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा।
कोलकाता से विमान के अलावे आगामी कुछ वर्षों में अब सड़क मार्ग से लोग थाईलैंड जा सकेंगे। क्योंकि भारत-म्यांमार और थाईलैंड को जोड़ने वाला बहुप्रतीक्षित त्रिदेशीय राजमार्ग अगले चार वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा। राजमार्ग के भारतीय और थाईलैंड भागों पर अधिकांश काम पूरा हो गया है...Road project between Kolkata and Thailand will start soon...
मालूम हो कि 1360 किलोमीटर लंबा भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिदेशीय राजमार्ग तीनों ही देशों की एक संयुक्त पहल है। भारत, म्यांमार में त्रिदेशीय राजमार्ग के दो खंडों का निर्माण हो रहा है। इसमें 120.74 किलोमीटर कलेवा-याग्यी सड़क खंड का निर्माण और 149.70 किलोमीटर तामू-क्यिगोन-कलेवा (टीकेके) सड़क खंड पर अप्रोच रोड के साथ 69 पुलों का निर्माण शामिल है...Road project between Kolkata and Thailand will start soon...
दअरसल, कोलकाता में बिम्सटेक देशों (बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड) का दो उद्योग दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसी सम्मेलन में भाग लेने वाले म्यांमार और थाईलैंड के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस सड़क परियोजना पर काम अगले तीन से चार वर्षों के भीतर पूरा हो जाने की उम्मीद...Road project between Kolkata and Thailand will start soon...
राजमार्ग के भारतीय और थाईलैंड भागों पर अधिकांश काम पूरा हो गया है, जबकि म्यांमार में असामान्य परिस्थितियों की वजह से निर्माण अभी रुका हुआ है...Road project between Kolkata and Thailand will start soon...
नवंबर 2017 में टीकेके खंड के लिए और मई 2018 में कलेवा-यज्ञी खंड के लिए काम दिया गया था। उस वक्त दोनों परियोजनाओं को पूरा करने का निर्धारित समय काम शुरू होने की तारीख से तीन साल तय किया गया था। इन दोनों परियोजनाओं को म्यांमार सरकार को अनुदान सहायता के तहत भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है...Road project between Kolkata and Thailand will start soon...
म्यांमार के अंदर करीब पूरा हो चुका है काम
म्यांमार के वाणिज्य मंत्री आंग नाइंग ओ की मानें तो म्यांमार के अंदर राजमार्ग का अधिकांश भाग पूरा हो चुका है। मंत्री ने 2026 के अंत तक अधूरे हिस्सों को पूरा करने के साथ-साथ अपग्रेडेशन वाले हिस्सों को पूरा करने के लिए उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि कलेवा और यारग्यी के बीच राजमार्ग के 121.8 किलोमीटर के हिस्से को चार लेन के राजमार्ग में अपग्रेड किया जा रहा है और इसमें समय लग रहा है....Road project between Kolkata and Thailand will start soon...
2002 में वाजपेयी सरकार ने की थी पहल, पीएम मोदी करा रहे हैं पूरा
यह त्रिदेशीय राजमार्ग कोलकाता से सिलीगुड़ी, कूचबिहार होते हुए असम फिर नगालैंड जाएगा। इसके बाद मणिपुर इम्फाल से मोरेह होते हुए म्यांमार और वहां से थाईलैंड पहुंचेगा। त्रिदेशीय इस राजमार्ग परियोजना को सर्वप्रथम अप्रैल 2002 में म्यांमार में भारत, म्यांमार और थाईलैंड की एक मंत्रिस्तरीय बैठक में प्रस्तावित और अनुमोदित किया गया था। प्रस्ताव को उस समय अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा पेश किया गया था...Road project between Kolkata and Thailand will start soon...
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए परियोजना का प्रस्ताव रखा था। उक्त प्रस्ताव में इस राजमार्ग को अंततः कंबोडिया होते हुए वियतनाम और फिर लाओस तक पहुंचने की बात थी। बाद में परियोजना केवल कागजों पर ही रह गई और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद इस पर काम शुरू हुआ...Road project between Kolkata and Thailand will start soon...
यह राजमार्ग परियोजना भारत की सबसे महत्वाकांक्षी 'लुक ईस्ट पॉलिसी' का एक हिस्सा है।
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