भाजपा MLA जारकीहोली का दावा... महाराष्ट्र की तरह कर्नाटक में गिर सकती है कांग्रेस नीत सरकार
BJP MLA Jarkiholi's claim... Congress led government may fall in Karnataka like Maharashtra.
भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकार महाराष्ट्र की तरह गिर सकती है. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज कर दिया कि सरकार को गिराने के लिए भाजपा 2019 जैसे ‘ऑपरेशन लोटस' में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकार को किसी बाहरी के बजाय अंदर से खतरा है और सरकार के गिरने के लिए "उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार एंड कंपनी" जिम्मेदार होगी.
बेलगावी: भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकार महाराष्ट्र की तरह गिर सकती है. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज कर दिया कि सरकार को गिराने के लिए भाजपा 2019 जैसे ‘ऑपरेशन लोटस' में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकार को किसी बाहरी के बजाय अंदर से खतरा है और सरकार के गिरने के लिए "उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार एंड कंपनी" जिम्मेदार होगी.
उन्होंने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज कर दिया कि 2019 में जनता दल (सेक्युलर)-कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने वाले एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को रिश्वत की पेशकश कर रहे हैं. जारकीहोली, पूर्व में कांग्रेस से जुड़े थे और चार साल पहले गठबंधन सरकार के गिरने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका देखी गई थी. उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी भी ‘ऑपरेशन लोटस' के बारे में बात नहीं की है', इसके बजाय, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की ‘‘ड्रामा कंपनी'' इस बारे में बात कर रही है. जारकीहोली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यह डी के शिवकुमार की ड्रामा कंपनी है, जो ‘ऑपरेशन लोटस' और 50 करोड़ रुपये की रिश्वत के बारे में बात कर रही है. हम भाजपा के लोग कभी भी ‘ऑपरेशन लोटस' के बारे में बात नहीं करते हैं और न ही ऐसा करेंगे."
‘ऑपरेशन लोटस', कांग्रेस द्वारा गढ़ा गया शब्द है, जो निर्वाचित सरकार को गिराने की भाजपा की कथित साजिश को संदर्भित करता है. जारकीहोली ने कहा, "जब तक डी के शिवकुमार राजनीति में हैं, यह सरकार खतरे में है. विपक्ष में रहने पर वह अलग व्यवहार करते हैं और जब सत्ता में होते हैं, तो अलग व्यवहार करते हैं." उन्होंने कहा, "मेरे पास जो जानकारी है, वह यह कि डी के शिवकुमार की बेलगावी कंपनी के कारण यह सरकार गिर जाएगी. अगर यह गिरी, तो ऐसा महाराष्ट्र की तरह ही होगा. ऐसा हो सकता है."
भाजपा विधायक ने दावा किया कि उनकी व्यक्तिगत इच्छा है कि सरकार न गिरे और कायम रहे क्योंकि ‘लोगों को पता होना चाहिए कि उन्होंने कैसे झूठ बोला और सत्ता में आए.' साल 2019 में ‘ऑपरेशन लोटस' चलाए जाने की बात को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि उस वक्त एच डी कुमारस्वामी नीत जद (एस) और कांग्रेस सरकार को सत्ता से हटाने की ‘जरूरत' थी. जारकीहोली ने कहा, "2019 में जरूरत थी, इसलिए हमने ऐसा किया. वह भी भाजपा ने नहीं, बल्कि जारकीहोली एंड कंपनी ने किया था. न तो भाजपा ने हमें पैसा दिया और न ही लालच दिया."
जारकीहोली ने कहा, "हमने डी के शिवकुमार की तानाशाही प्रवृत्ति के कारण बगावत करते हुए सरकार गिरा दी. हम कभी भी सिद्धरमैया या मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ नहीं थे. हमने डी के शिवकुमार का विरोध किया. आज डी के शिवकुमार के समर्थक जो भी कहें, लेकिन उनके दावों का कोई आधार नहीं है."
भाजपा नेता ने दावा किया कि कांग्रेस ‘अपने झूठ और झूठी गारंटी' योजनाओं के माध्यम से सभी मोर्चों पर विफल रही है. उन्होंने दावा किया कि केवल जनता का ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस झूठ फैला रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता कुमारस्वामी के साथ अपनी हालिया मुलाकात के बारे में जारकीहोली ने कहा कि वह उनसे पिछले महीने भाजपा द्वारा जद (एस) के साथ गठबंधन करने के बाद मिले, उससे पहले नहीं. जारकीहोली ने स्पष्ट किया, "सीट बंटवारे पर फैसला करने के लिए हम एक साथ बैठे."
जारकीहोली के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवकुमार ने बेंगलुरु में कहा, "लोग पहले ही अपना फैसला दे चुके हैं. हमें काम करना है, हम यह कर रहे हैं." मांड्या के विधायक और शिवकुमार के वफादार रवि गौड़ा (गनिगा) ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि जिन लोगों ने अतीत में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की थी, वे एक बार फिर मौजूदा सरकार को गिराने की कोशिश में सक्रिय हैं. उन्होंने दावा किया, "जैसे (2019 में) गठबंधन सरकार को गिराया गया, वैसी ही कोशिश अब की जा रही है. टीम लोगों की तलाश कर रही है और लालच देने के लिए उनके घरों तक पहुंच रही है. हमारे पास जानकारी और वीडियो हैं. हमारे पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि किस विधायक से संपर्क किया गया और कितने करोड़ रुपये की पेशकश की गई. हम इसे सार्वजनिक करेंगे."
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