मुंबई में दुकानों पर मराठी बोर्ड लगाने की आखिरी मोहलत 28 तक... दुकानदारों पर 2000 रूपये दंड का प्रावधान
Last date to install Marathi boards on shops in Mumbai is till 28th... Provision for penalty of Rs 2000 on shopkeepers.
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बीएमसी अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार के कानून के मुताबिक जांच के दौरान यदि दुकान पर मराठी भाषा में बोर्ड नहीं दिखा तो प्रति कर्मचारी 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि किसी दुकान में दस कर्मचारी काम करते हैं और उस दुकान पर मराठी बोर्ड नहीं लगा है तो उस दुकानदार पर 20000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
मुंबई : बीएमसी ने मुंबई में दुकानों पर मराठी बोर्ड लगाने की आखिरी समय सीमा 28 नवंबर तय कर दी है। इसके बाद बीएमसी दुकानदारों के खिलाफ सीधे कार्रवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दुकानदारों को मराठी बोर्ड लगाने के लिए दो महीने का समय दिया था। यह समय सीमा 25 नवंबर 2023 को समाप्त हो गया।
बीएमसी मुंबई में मराठी बोर्ड न लगाने वाले दुकानदारों के खिलाफ अब 28 नवंबर के बाद कार्रवाई शुरू करेगी। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि मराठी में बोर्ड न लगाने वालों को अब नोटिस देने सहित और समय सीमा बढ़ाने की सीमा समाप्त हो चुकी है। 28 नवंबर के बाद बीएमसी की टीम जांच के लिए दुकानों का दौरा करेगी। जिस दुकान पर नियम के अनुसार मराठी भाषा में लिखा बोर्ड नहीं मिलेगा उसके खिलाफ सीधे कार्रवाई की जाएगी।
बीएमसी अधिकारी ने बताया कि मुंबई में 7 लाख से अधिक दुकानें, होटल और अन्य प्रतिष्ठान हैं। इन्हें 28 नवंबर तक हरहाल में उनके बोर्ड प्रमुख रूप से मराठी भाषा में लगाना होगा। अधिकारी ने बताया कि दुकानों पर मराठी बोर्ड की जांच के लिए सभी 24 वॉर्ड में अलग अलग टीम का गठन किया जाएगा। यह टीम अपनी अपनी एरिया में दुकानों के बोर्ड की जांच करेंगे और आवश्यकता के अनुसार कार्रवाई करेगी।
बीएमसी ने उन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी जिनके पास मराठी भाषा में बोर्ड नहीं थे। बीएमसी की चेतावनी के बाद 23436 दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर मराठी भाषा में बोर्ड लगा दिए हैं। वहीं चेतावनी को नजरअंदाज करने वाले करीब 5217 दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए है। लेकिन उसके बाद व्यापारी संगठनों ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जिसके बाद बीएमसी ने कार्रवाई रोक दी थी।
दुकान पर प्रमुखता से मराठी भाषा में बोर्ड लगाने को लेकर व्यापारियों की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। इतना ही नहीं कोर्ट ने दो महीने के अंदर मराठी भाषा में बोर्ड लगाने का भी निर्देश दिया था। यह अवधि 25 नवंबर को समाप्त हो गई। बीएमसी ने दुकानदारों को तीन दिन की और मोहलत दुकानदारों को दिया है।
बीएमसी के दुकान और प्रतिष्ठान विभाग ने 28 नवंबर के बाद मराठी भाषा में बोर्ड नहीं लगाने वाले दुकानदारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर असोसिएशन के अध्यक्ष विरेन शाह ने भी दुकानदारों ने अपील की है कि लोग अपनी-अपनी दुकानों पर जल्द से जल्द मराठी भाषा के बोर्ड लगवा लें।
बीएमसी अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार के कानून के मुताबिक जांच के दौरान यदि दुकान पर मराठी भाषा में बोर्ड नहीं दिखा तो प्रति कर्मचारी 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि किसी दुकान में दस कर्मचारी काम करते हैं और उस दुकान पर मराठी बोर्ड नहीं लगा है तो उस दुकानदार पर 20000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
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