मुंबई में ट्रैफिक समस्या को दूर करने में असफल मेट्रो... लोकल से सफर करना पसंद करते हैं लोग
Metro fails to solve traffic problem in Mumbai...people prefer to travel by local

मेट्रो की सुविधा को आम मुंबईकर की लाइफलाइन बनाने के लिए मेट्रो के सभी प्रोजेक्ट का तय समय पर पूरा होने के साथ-साथ किराए में रियायत, मासिक पास और छुट्टी के दिनों में लोगों को आकर्षित करने के लिए विशेष योजना और प्रâीक्वेंसी बढ़ाने के साथ-साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने की जरूरत है।
मुंबई : मेट्रो लाइन २A और ७ के अधिकतर स्टेशन हाईवे पर हैं और लोकल ट्रेन के करीब हैं। इसलिए दूर रहनेवाले मेट्रो की जगह लोकल से सफर करना पसंद करते हैं, क्योंकि मेट्रो के पास से अंदर जाने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध नहीं है और ऑटोरिक्शा या प्राइवेट गाड़ी का खर्च आम आदमी को प्रतिदिन महंगा पड़ता है।
मेट्रो की सुविधा को आम मुंबईकर की लाइफलाइन बनाने के लिए मेट्रो के सभी प्रोजेक्ट का तय समय पर पूरा होने के साथ-साथ किराए में रियायत, मासिक पास और छुट्टी के दिनों में लोगों को आकर्षित करने के लिए विशेष योजना और प्रâीक्वेंसी बढ़ाने के साथ-साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने की जरूरत है।
लोकल ट्रेन में होनेवाली भीड़ को कम करने, पश्चिमी द्रुतगति मार्ग पर होनेवाले भयंकर ट्रैफिक को कम करने के लिए के लिए मेट्रो की इन लाइनों के चालू होने पर मुक्ति मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पश्चिमी द्रुतगति मार्ग पर अभी भी लोगों को ट्रैफिक की भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, इसका मुख्य कारण मेट्रो की इन लाइनों पर अभी भी प्रवास करनेवाले यात्रियों की संख्या बहुत कम है, उसका सबसे बड़ा कारण लोकल के मुकाबले मेट्रो का किराया और प्रâीक्वेंसी की कमी होना है। रेलवे विभाग ने भी एसी ट्रेन का किराया आधा कर दिया है, जिसके कारण मेट्रो को वैसा रिस्पॉन्स नहीं मिल पा रहा है।
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