ग्लोबल वार्मिंग : मुंबई, कोलकाता, दुबई, लंदन और न्यूयॉर्क समेत दुनिया के 36 बड़े शहर जल्द ही गहरे समंदर में डूब सकते हैं
Global warming: 36 big cities of the world including Mumbai, Kolkata, Dubai, London and New York may soon drown in the deep sea.
समुद्र के स्तर में बेतहाशा बढ़ोतरी के बीच विशेषज्ञों ने एक भयावह भविष्यवाणी की है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर के 36 प्रमुख शहरों पर सबसे पहले खतरा मंडरा रहा है. इस लिस्ट में सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क शहर सहित अमेरिका के 10 प्रमुख शहर शामिल हैं.
वहीं इस लिस्ट में भारत के मुंबई और कोलकाता के साथ बांग्लादेश के ढाका का नाम भी शामिल है.
नई दिल्ली : मुंबई, कोलकाता, दुबई, लंदन और न्यूयॉर्क समेत दुनिया के 36 बड़े शहर जल्द ही गहरे समंदर में डूब सकते हैं. ग्लोबल वार्मिंग और उससे जुड़े खतरे अब तक के सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गए हैं. भूवैज्ञानिकों और पारिस्थितिकीविदों ने शुरू में जो सोचा था, महासागरों के पानी का स्तर उससे भी ज्यादा और तेजी के साथ बढ़ रहा है.
समुद्र के स्तर में बेतहाशा बढ़ोतरी के बीच विशेषज्ञों ने एक भयावह भविष्यवाणी की है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर के 36 प्रमुख शहरों पर सबसे पहले खतरा मंडरा रहा है. इस लिस्ट में सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क शहर सहित अमेरिका के 10 प्रमुख शहर शामिल हैं.
वहीं इस लिस्ट में भारत के मुंबई और कोलकाता के साथ बांग्लादेश के ढाका का नाम भी शामिल है.
समुद्र का स्तर बढ़ने और बार-बार आने वाली बाढ़ से दुनिया भर के 36 शहरों में रहने वाले 22 करोड़ से अधिक लोगों पर असर होगा. कुछ मामलों में तो इन पर पहले से ही असर हो रहा है. अगर समुद्र का स्तर 1.5 मीटर बढ़ जाता है, तो घनी आबादी वाले या सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों वाले शहर सबसे पहले समंदर के पानी में डूब सकते हैं. यह हालात वैश्विक तापमान 5.4 डिग्री फारेनहाइट बढ़ने पर पैदा होने की भविष्यवाणी की गई है.
सबसे पहले डूबने वाले शहरों की लिस्ट में टोक्यो टॉप पर है, जहां लगभग 37,435,100 लोग रहते हैं. इसके ठीक बाद भारत में मुंबई दूसरे स्थान पर है. सपनों के शहर मुंबई में महालक्ष्मी मंदिर, मन्नत और पर्यटकों के दूसरे आकर्षणों में मछलियों और समुद्री जीवों को देखने का खतरा होगा. इन शहरों में दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र थाईलैंड का बैंकाक और यूएई का दुबई भी शामिल है.
दुनिया के जो 36 शहर सबसे पहले पानी के अंदर समा जाएंगे, उनके नाम को TheSwiftest.com के शोधकर्ताओं ने क्लाइमेट सेंट्रल के कोस्टल रिस्क स्क्रीनिंग टूल का उपयोग करके तय किया है. इसके लिए इंटरैक्टिव मैप का उपयोग किया गया को जोखिम वाले इलाकों के आधार पर मानचित्र तैयार करता है.
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