इकबाल सिंह चहल को सुप्रीम कोर्ट ने पेश होने का दिया आदेश... सफाई कर्मचारियों को नियमित करने का मामला
Supreme Court orders Iqbal Singh Chahal to appear... case of regularizing sanitation workers
मनपा के 2700 कर्मचारी को नियमित करने की लड़ाई वर्ष 2007 से शुरू है। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में फैसला सुनाया था, जिसमें 2,700 कर्मचारियों को मनपा की नियमित सेवा में शामिल करने का निर्देश दिया था। मनपा प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को नियमित किए जाने पर सफाई कर्मचारियों ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।
मुंबई : कॉन्ट्रैक्ट के कर्मचारी को लगातार 240 दिन काम देने पर उसे नियमित करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश होने के बावजूद मनपा आयुक्त इकबाल सिंह पहल द्वारा आदेशों का पालन करने से टालमटोल करने पर सुप्रीम कोर्ट ने मनपा आयुक्त चहल को प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने आयुक्त को 19 मार्च को कोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का आदेश दिया है। बता दें कि सफाई कर्मचारियों को उन्हें नियमित करने की सुनवाई पांच मार्च को हुई। संविदा अमिक लगातार 240 दिन पूरे कर लेते हैं, तो भ्रम अधिनियम के अनुसार श्रमिकों को स्थायी रूप से काम पर रखना अनिवार्य है।
मनपा के 2700 कर्मचारी को नियमित करने की लड़ाई वर्ष 2007 से शुरू है। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में फैसला सुनाया था, जिसमें 2,700 कर्मचारियों को मनपा की नियमित सेवा में शामिल करने का निर्देश दिया था। मनपा प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को नियमित किए जाने पर सफाई कर्मचारियों ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2023 में आदेश दिया था कि कौन अधिकारी आदेशों का पालन करने में टालमटोल कर रहा है, उसका नाम देने का निर्देश दिया था। सफाई कर्मचारियों की यूनियन ने मनपा आयुक्त को ही सीधा आरोपी बनाते हुए मनपा आयुक्त चहल का नाम दिया। सुप्रीम कोर्ट में सफाई कर्मचारियों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और संजय सिंघवी ने कर्मचारियों का पक्ष रखा।
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