HC के 2018 के आदेश का पालन नहीं... बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को लगाई फटकार
HC's 2018 order not followed... Bombay High Court reprimands Maharashtra government

कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को पता था कि जमीन खाली नहीं है फिर इतने लंबे समय से कुछ क्यों नहीं किया गया? क्या पुनर्वास के लिए कोई योजना है? याचिका में आरोप लगाया गया कि जानबूझकर जमीन आवंटन में देरी की जा रही है क्योंकि सरकार की जमीन आवंटन में कोई रुचि नहीं है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 28 मार्च तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है, जिसमें सरकार को जमीन खाली करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा गया है।
मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने नई कोर्ट बिल्डिंग के लिए जमीन आवंटन में हो रही देरी के लिए महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई है। नई कोर्ट बिल्डिंग मुंबई के उपनगर बांद्रा में बनाई जानी है। हाईकोर्ट की जस्टिस देवेंद्र उपाध्याय और जस्टिस आरिफ डॉक्टर की सदस्यता वाली डिविजन बेंच ने राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जताई और कहा कि वह कोई असहज स्थिति पैदा नहीं करना चाहते हैं।
पीठ ने वकील अहमद अब्दी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकार ने साल 2018 के हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया, जिसमें हाईकोर्ट ने सरकार को अदालत की नई इमारत के लिए जमीन आवंटन करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने माना कि दक्षिण मुंबई में मौजूद कोर्ट बिल्डिंग जर्जर हालत में है और उसमें न्यायिक अधिकारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बीते साल सरकार ने कोर्ट को बताया था कि 30 एकड़ जमीन के आवंटन की मंजूरी दे दी गई है और राज्य के राजस्व दस्तावेजों में जरूरी बदलावों के बाद जमीन आवंटित कर दी जाएगी। वहीं सरकार की तरफ से पेश हुए वकील अभय पाटकी ने बताया कि जिस जमीन का आवंटन किया जाना है, उस पर कुछ न्यायिक अधिकारियों के आवास हैं और पहले उन आवासों के लिए वैकल्पिक जगह की तलाश की जा रही है।
इस पर चीफ जस्टिस उपाध्याय ने कहा कि 'बॉम्बे हाईकोर्ट की इमारत की स्थिति सभी को पता है। इस इमारत की और एनेक्सी इमारत की हालत भी खराब है। हमारे अधिकारी वहां काम करते हैं और उनकी जिंदगी पर संकट है। वे खतरनाक हालात में काम करते हैं उनके पास स्टोरेज और घूमने के लिए जगह नहीं है। सीढ़ियों की भी हालत खराब है।'
कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को पता था कि जमीन खाली नहीं है फिर इतने लंबे समय से कुछ क्यों नहीं किया गया? क्या पुनर्वास के लिए कोई योजना है? याचिका में आरोप लगाया गया कि जानबूझकर जमीन आवंटन में देरी की जा रही है क्योंकि सरकार की जमीन आवंटन में कोई रुचि नहीं है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 28 मार्च तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है, जिसमें सरकार को जमीन खाली करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा गया है।
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