मीरारोड में फ्लैट हेवी डिपॉजिट पर देने के नाम पर धोखाधड़ी... खुद ही बनते थे फ्लैट का मालिक
Fraud in the name of giving flat on heavy deposit in Mira Road... used to become the owner of the flat himself
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गिरफ्तार आरोपी से की गई पूछताछ से पता चला है कि आरोपियों ने इंटरनेट पर प्रतिष्ठित वेबसाइट पर मकान, फ्लैट की खरीद/बिक्री/किराये के संबंध में विज्ञापन दिया था और खुद को एक एस्टेट एजेंट के अलावा मकान मालिक होने का दावा किया और आम जनता के संपर्क में आया और विभिन्न दुकानें खोलीं। मकान, बिक्री/किराये के लेन-देन के बहाने बैंक खाते में होटल मालिकों से राशि का भुगतान करने के लिए दबाव डालकर लाखों रुपये का गबन करने का आरोप है।
मुंबई : सायबर अपराध शाखा उत्तर यूनिट ने हेवी डिपॉजिट पर फ्लैट देने के नक़्म पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को वसई और नालासोपारा के इलाके से गिरफ्तार किया गया है। सायबर अपराध शाखा मामले कि अधिक जांच करने में जुटी हुई है।
पुलिस उपायुक्त दत्ता नलावडे, सहायक पुलिस आयुक्त अबुराव सोनावणे, प्रभारी निरीक्षक सुवर्णा शिंदे के मार्गदर्शन में पुलिस इंस्पेक्टर किरण अहेर और उनकी टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 120 (ब), 419, 420, 465, 467, 471 समेत आईटी एक्ट 66 (क), 66 (ड) के तहत दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक आरोपी ने 'फ्लैट ऑन हेवी डिपॉजिट इन मीरा रोड एरिया' लिखकर नो ब्रोकर डॉट कॉम पक़र डाला था।
उन्होंने 'ग्लोबल होम बेस्ट सर्विस' का विज्ञापन देखा और एस्टेट एजेंट द्वारा दिए गए संपर्क नंबर पर संपर्क किया, तो आरोपी और उसके साथियों ने बताया कि वह उसका होने का नाटक कर रहा है। आरोपियों ने व्हाट्सएप के माध्यम से मीरारोड, वसई, नालासोपारा क्षेत्र में विभिन्न फ्लैटों की तस्वीरें भेजकर विभिन्न बैंक खातों में हेवी डिपॉजिट का पैसा जमा करने के लिए कहा। साथ ही, उक्त अपराध में साइबर आरोपियों में से एक नए खुद को फ्लैट का मालिक एवं किरायेदार बताकर अपने एवं अन्य लोगों के बैंक खातों में 22 लाख 31 हजार रुपये डिपॉजिट करवाये।
जानकारी के मुताबिक मामले में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनका नाम हौशिला उर्फ शिवा शिवकुमार शुक्ला (27), योगेश दुलेराय करवट (55) और विशाल राजनाथ यादव (29) है। आरोपियों ने अपने और दूसरों के अकाउंट में हेवी डिपॉजिट का पैसा मंगवाया था। पयलिस ने जब अकाउंट डिटेल्स निकली तब पूरे मामले कक़्क़ खुलासा हुआ और आरोपियों के बारे में जानकारी मिली।
गिरफ्तार आरोपी से की गई पूछताछ से पता चला है कि आरोपियों ने इंटरनेट पर प्रतिष्ठित वेबसाइट पर मकान, फ्लैट की खरीद/बिक्री/किराये के संबंध में विज्ञापन दिया था और खुद को एक एस्टेट एजेंट के अलावा मकान मालिक होने का दावा किया और आम जनता के संपर्क में आया और विभिन्न दुकानें खोलीं। मकान, बिक्री/किराये के लेन-देन के बहाने बैंक खाते में होटल मालिकों से राशि का भुगतान करने के लिए दबाव डालकर लाखों रुपये का गबन करने का आरोप है।
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