पहले महाराष्ट्र में नगर निकायों के चुनाव कराने चाहिए - राज ठाकरे
Municipal elections should be held in Maharashtra first - Raj Thackeray
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा है कि यदि केंद्र की मोदी सरकार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कराने को लेकर इतनी ही चिंतित है तो उसे पहले महाराष्ट्र में नगर निकायों के चुनाव जरुर कराने चाहिए। महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) सहित कई नगर निकायों के चुनाव लंबित पड़े हैं। इस बाबत राज ठाकरे ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘X’पर एक पोस्ट में कहा, ”अगर चुनावों को इतना महत्व दिया ही जा रहा है तो पहले नगर निकाय के चुनाव कराएं।”
मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा है कि यदि केंद्र की मोदी सरकार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कराने को लेकर इतनी ही चिंतित है तो उसे पहले महाराष्ट्र में नगर निकायों के चुनाव जरुर कराने चाहिए। महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) सहित कई नगर निकायों के चुनाव लंबित पड़े हैं। इस बाबत राज ठाकरे ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘X’पर एक पोस्ट में कहा, ”अगर चुनावों को इतना महत्व दिया ही जा रहा है तो पहले नगर निकाय के चुनाव कराएं।”
उन्होंने कहा कि कई नगर निकाय ऐसे हैं जो लगभग चार साल से प्रशासकों के अधीन संचालित हो रहे हैं। मनसे प्रमुख ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन उसे राज्यों के विचारों पर भी गौर करना चाहिए।
इतना ही नही उन्होंने यह भी सवाल किया कि यदि कोई राज्य सरकार गिर जाए या विधानसभा भंग हो जाए या देश में मध्यावधि लोकसभा चुनाव हो जाएं तो इस स्थिति में क्या किया जाएगा। केंद्र सरकार ने “एक देश, एक चुनाव” योजना पर आगे बढ़ते हुए बीते बुधवार को देशव्यापी आम सहमति बनाने की कवायद के बाद चरणबद्ध तरीके से लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया।
इस बाबत गृह मंत्री अमित शाह ने कैबिनेट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह देश में ऐतिहासिक चुनाव सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। विभिन्न विपक्षी दलों का हालांकि कहना है कि एक साथ चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं है। सरकार का कहना है कि कई राजनीतिक दल पहले से ही इस मुद्दे पर सहमत हैं। उसने कहा कि देश की जनता से इस मुद्दे पर मिल रहे व्यापक समर्थन के कारण वे दल भी रुख में बदलाव कर सकते हैं जो अब तक इसके खिलाफ हैं।
हालांकि कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने बीते बुधवार को आरोप लगाया कि ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार ‘संघीय व्यवस्था पर हमला’ है और PM मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का यह कदम ‘एक पार्टी और एक नेता’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में कानून मंत्री रहे मोइली ने इस फैसले को संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ भी बताया है।
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