मुंबई : इस साल महिलाओं से संबंधित आपराधिक घटनाओं में 7.7% की दर से वृद्धि; डिटेक्शन दर में सुधार
Mumbai: Crimes involving women rise by 7.7% this year; detection rate improves
पिछले साल की तुलना में इस साल महिलाओं से संबंधित आपराधिक घटनाओं में भले ही 7.7% की दर से वृद्धि हुई हो, लेकिन डिटेक्शन दर में सुधार देखने को मिला है। यह दर पिछले साल से करीब ढाई फीसदी अधिक है। 2024 में जनवरी से नवंबर के बीच दर्ज मुंबई में अपराध के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 5,827 अपराध दर्ज किए गए, जबकि 2023 में यह संख्या 5,410 थी। इसके बावजूद डिटेक्शन की दर में सुधार हुआ है।
मुंबई : पिछले साल की तुलना में इस साल महिलाओं से संबंधित आपराधिक घटनाओं में भले ही 7.7% की दर से वृद्धि हुई हो, लेकिन डिटेक्शन दर में सुधार देखने को मिला है। यह दर पिछले साल से करीब ढाई फीसदी अधिक है। 2024 में जनवरी से नवंबर के बीच दर्ज मुंबई में अपराध के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 5,827 अपराध दर्ज किए गए, जबकि 2023 में यह संख्या 5,410 थी। इसके बावजूद डिटेक्शन की दर में सुधार हुआ है।
2024 में 92.2% मामलों का निपटारा हुआ, जबकि 2023 में यह दर 90.8% थी। बात करें दर्ज होने वाले अपराध के मासिक औसत की तो 2024 में हर महीने औसतन 530 अपराध दर्ज हुए हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 492 थी।
छेड़छाड़ की घटनाओं में 12.5% की दर से इजाफा
मुंबई पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के 201 मामले, जबकि 2023 में 179 मामले औसतन हर महीने दर्ज किए गए। वहीं, 2024 में महिलाओं के साथ प्रताड़ना की घटनाओं में प्रति माह 35, जबकि 2023 में 14 केस दर्ज किए गए। 2024 में नाबालिग़ के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में प्रतिमाह 51, जबकि 2023 में 48 केस दर्ज किए गए। वहीं, 2024 में बालिग़ के साथ दुष्कर्म के मामले में प्रति माह औसतन 36 और 2023 में 32 केस दर्ज हुए।
2024 में अपहरण की घटनाओं का मासिक औसत 102 और 2023 में 97 था। हालांकि, दहेज के कारण होने वाले अपराध में 22.6 फीसदी की कमी देखी गई। इसका मासिक औसत 2024 में 2 और 2023 में 3 रहा। पॉक्सो की बात करें, तो 2024 में प्रति माह औसतन 112 और 2023 में 91 केस दर्ज किए गए।
महिला अपराध से संबंधित घटनाओं को मुंबई पुलिस काफी गंभीरता से लेती है। हर थाने में स्पेशल विमेन सेल बनाया गया है, जहां पीड़िताओं की शिकायतें सुनी जाती हैं। केस की गंभीरता को देखते हुए मामले भी दर्ज किए जाते हैं। इसलिए महिला अपराध की संख्या में इज़ाफा दिख रहा है, लेकिन दर्ज मामलों की छानबीन करने और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी तय समय के भीतर दाखिल करने से डिटेक्शन रेट में भी सुधार हुआ है। डिटेक्शन दर को बेहतर करने की दिशा में हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।
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