मुंबई : अदालत ने हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा पाये व्यक्ति को किया बरी
बम्बई उच्च न्यायालय ने 21 वर्षीय उस व्यक्ति को बरी कर दिया, जिसे 2017 में एक महिला की हत्या के लिए एक सत्र अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने व्यक्ति को यह गौर करते हुए बरी किया कि एक बाल गवाह द्वारा दिया गया साक्ष्य आरोपी को हत्या के आरोप में दोषी ठहराने के लिए ‘‘स्पष्ट रूप से अविश्वसनीय और अपर्याप्त’’ है।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की पीठ ने यह भी कहा कि मामले में पुलिस द्वारा की गई जांच गंभीर रूप से संदिग्ध है। पीठ ने उस व्यक्ति को 27 जनवरी को बरी किया था। शनिवार को एक विस्तृत आदेश उपलब्ध कराया गया।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिला निवासी गणेश मांडवकर नाम के आरोपी को एक सत्र अदालत ने एक महिला की गला घोंटकर हत्या करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसने अदालत के आदेश को बम्बई उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
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