महाराष्ट्र में गाय को 'राजमाता' दर्जा दिए जाने पर नाना पटोले बोले- 'बड़े पैमाने पर कत्लखाने...'

On giving 'Rajmata' status to cow in Maharashtra, Nana Patole said- 'Large scale slaughterhouses...'

महाराष्ट्र में गाय को 'राजमाता' दर्जा दिए जाने पर नाना पटोले बोले- 'बड़े पैमाने पर कत्लखाने...'

नाना पटोले ने महाराष्ट्र और केंद्र सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, "जब से नरेंद्र मोदी की सरकार आई, तब से गोमांस निर्यात करने में देश नंबर वन हुआ है. महाराष्ट्र में भी बड़े पैमाने पर कत्लखाने खोले गए. इसकी परमिशन सरकार ने दी है. अब सरकार के जाने के समय इस तरह का फैसला लिया जा रहा है तो इसमें वास्तविकता होनी चाहिए राजनीति नहीं"

मुंबई : महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. महाराष्ट्र सरकार ने गाय को 'राजमाता' का दर्जा दिया है. राज्य सरकार ने सोमवार को इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया. इसपर लगातार प्रतिक्रिया आ रही है. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि आज राज्य सरकार ने गाय को 'राजमाता' घोषित किया है, मैं इस कदम का स्वागत करता हूं, क्योंकि मैं एक किसान हूं और हर किसान के लिए 'गाय' माता है. लेकिन, यह चुनाव से पहले एक राजनीतिक कदम के रूप में किया गया है. 

साथ ही नाना पटोले ने महाराष्ट्र और केंद्र सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, "जब से नरेंद्र मोदी की सरकार आई, तब से गोमांस निर्यात करने में देश नंबर वन हुआ है. महाराष्ट्र में भी बड़े पैमाने पर कत्लखाने खोले गए. इसकी परमिशन सरकार ने दी है. अब सरकार के जाने के समय इस तरह का फैसला लिया जा रहा है तो इसमें वास्तविकता होनी चाहिए राजनीति नहीं"

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गौरतलब है कि सोमवार को कैबिनेट बैठक में एकनाथ शिंदे सरकार ने गाय को 'राजमाता' का दर्जा देने का फैसला लिया. सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, प्राचीन काल से ही गाय ने इंसान के दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वैदिक काल से ही गायों के धार्मिक, वैज्ञानिक और आर्थिक महत्व को देखते हुए उन्हें कामधेनु के रूप में संबोधित किया जाता था. राज्य के कुछ हिस्सों में देसी गायें पाई जाती हैं. इसमें लाल कंधारी, देवनी, खिल्लार, डांगी और गवलाऊ नस्ल की गायें शामिल हैं. 

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आदेश के अनुसार हालांकि, देसी गायों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है. कृषि में देसी गायों के गोबर और मूत्र के महत्व को देखते हुए इनकी संख्या में गिरावट चिंता का विषय है. इसमें कहा गया,  किसानों को देसी गायों को पालने के ल‍िए प्रेरित करने को सरकार ने यह फैसला क‍िया है. वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देसी गायों के महत्वपूर्ण स्थान, आयुर्वेद चिकित्सा में इनकी उपयोगि‍ता, गाय के दूध और घी का मानव आहार में महत्‍व, पंचगव्य उपचार प्रणाली और गाय के गोबर के साथ ही गोमूत्र की जैविक खेती में उपयोगि‍ता को ध्यान में रखते हुए देसी गायों को अब से 'राजमाता' कहा जाएगा. 

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सरकार ने कहा कि इस आदेश की डिजिटल कॉपी महाराष्ट्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद है. बता दें कि महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है. महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें आती है. पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में संपन्न हुआ था. उस दौरान बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था और उन्हें पूर्ण बहुमत भी मिला था, लेकिन सरकार बनाने को लेकर दोनों दलों के बीच कलह हो गया और वे अलग हो गए.

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