विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों में तैयारी तेज... बांद्रा वेस्ट में आशीष शेलार बनाम राजेश शर्मा के बीच होगा घमासान

Preparations for the assembly elections are in full swing among political parties... There will be a fierce battle between Ashish Shelar and Rajesh Sharma in Bandra West

विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों में तैयारी तेज... बांद्रा वेस्ट में आशीष शेलार बनाम राजेश शर्मा के बीच होगा घमासान

बांद्रा पश्चिम का क्षेत्र बांद्रा वर्ली सी लिंक से मिलन सबवे तक है। इसमें बांद्रा, खार और सांताक्रुज पश्चिम का इलाका शामिल है। बांद्रा को मुंबई के सबसे पॉश इलाकों में से एक माना जाता है। यहां 8% उच्च आय वर्ग, 30% मध्यम आय वर्ग और 62% निम्न आय वर्ग के लोग रहते हैं। बांद्रा पश्चिम एक विविधतापूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है जिसमें मुस्लिम, ईसाई और हिंदू मतदाता हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिम जनसंख्या 78000, क्रिश्चिन 23612, उत्तर भारतीय 30000, गुजराती 45000, सिख 5000, दक्षिण भारतीय 12000, मराठी 30000, राजस्थानी 15000, अनुसूचित जाति 10000 और पारसियों की जनसंख्या मात्र 200 है। इस क्षेत्र में रिडेवलपमेंट एक बड़ी समस्या है। खार के दाण्डा इलाके में पेयजल आपूर्ति भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से जूझना इस क्षेत्र के लोगों की नियति बन गई है।

मुंबई : राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों ने तैयारी तेज कर दी है। मुंबई के सबसे चर्चित उपनगरों में से एक बांद्रा पश्चिम विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प होने जा रहा है। यहां बीजेपी विधायक आशीष शेलार का मुकाबला कांग्रेस पार्टी के राजेश शर्मा से होगा। इंडिया गठबंधन में यह सीट कांग्रेस को मिलेगी। कांग्रेस पार्टी ने राजेश शर्मा को बांद्रा पश्चिम विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए ग्रीन सिग्नल भी दे दिया है।

वे एक उम्मीदवार के तौर पर इस क्षेत्र में सक्रिय भी हो गए हैं। बांद्रा पश्चिम विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी लगातार जीतती रही है लेकिन पिछले 10 वर्षों से इस विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है। पिछले दिनों मुंबई नॉर्थ सेंट्रल की सांसद मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ के नेतृत्व में कांग्रेसी नेताओं की बैठक हुई जिसमें पूर्व सांसद प्रिया दत्त भी मौजूद थीं। पारिवारिक मित्र पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी के एनसीपी अजित गुट में जाने के बाद प्रिया दत्त अकेले पड़ गई हैं। 

प्रिया दत्त ने 2014 के चुनाव में इस विधानसभा से 34.36% वोट शेयर और 2019 के चुनाव में 43.20% वोट शेयर हासिल किया था। वहीं, 2019 के विधानसभा चुनाव में आशीष शेलार ने 57.11% वोट हासिल किया था। पिछले दो चुनावों में दत्त इस विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को हराने में असमर्थ रहीं है। राजनीतिक क्षेत्र में उनकी निष्क्रियता और उनके जनसंपर्क कार्यालय को बंद करने से भी उनकी विश्वसनीयता को काफी नुकसान पहुंचा है। राहुल गांधी के सामने आए कठिन समय के दौरान भी प्रिया दत्त पूरी तरह से मैदान से गायब थीं।

वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी को उसके गढ़ में हराने के लिए न केवल अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट करने बल्कि हिंदू वोटों को भी अपने पाले में करने के लिए इस बार राजेश शर्मा को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है। पूर्व उप महापौर राजेश शर्मा RSS पृष्ठभूमि से आते हैं। साल 2012 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2019 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने इस सीट पर मुस्लिम कार्ड खेला था, तब शेलार 26 हजार वोटों से जीते थे। ऐसे में राजेश शर्मा के आने से इस सीट पर मुकाबला कड़ा हो सकता है। 2 सितंबर 2024 की एक आंतरिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बीजेपी के आशीष शेलार को 46% और कांग्रेस के राजेश शर्मा को 49% जीत की संभावना जताई है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड़ को इस सीट से 69 हजार से भी ज्यादा वोट मिले थे। यही कारण है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस को जीत मिलने की संभावनाएं और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी के पास बांद्रा (पश्चिम) से लड़ने के लिए कोई बड़ा चेहरा नहीं था। कांग्रेस अगर इस सीट से राजेश शर्मा को चुनाव लड़ाती है तो वह हिंदू वोटों के साथ मुस्लिम और ईसाई वोटों को भी अपनी ओर कर पाएंगे।

बांद्रा पश्चिम का क्षेत्र बांद्रा वर्ली सी लिंक से मिलन सबवे तक है। इसमें बांद्रा, खार और सांताक्रुज पश्चिम का इलाका शामिल है। बांद्रा को मुंबई के सबसे पॉश इलाकों में से एक माना जाता है। यहां 8% उच्च आय वर्ग, 30% मध्यम आय वर्ग और 62% निम्न आय वर्ग के लोग रहते हैं। बांद्रा पश्चिम एक विविधतापूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है जिसमें मुस्लिम, ईसाई और हिंदू मतदाता हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिम जनसंख्या 78000, क्रिश्चिन 23612, उत्तर भारतीय 30000, गुजराती 45000, सिख 5000, दक्षिण भारतीय 12000, मराठी 30000, राजस्थानी 15000, अनुसूचित जाति 10000 और पारसियों की जनसंख्या मात्र 200 है। इस क्षेत्र में रिडेवलपमेंट एक बड़ी समस्या है। खार के दाण्डा इलाके में पेयजल आपूर्ति भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से जूझना इस क्षेत्र के लोगों की नियति बन गई है।

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