मुंबई हाईकोर्ट ने बेस्ट के निर्णय को ठहराया बेस्ट….
Rokthok Lekhani
मुंबई : मुंबई हाईकोर्ट ने इलेक्ट्रिक बस उपलब्ध कराने को लेकर जारी टेंडर के लिए टाटा मोटर्स की याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही बेस्ट के पैâसले को बरकरार रखते हुए कोर्ट ने बेस्ट के निर्णय को बेस्ट ठहराया है और कहा है कि इस मामले में टाटा मोटर्स को अपात्र ठहराना पूरी तरह से जायज है। परंतु कोर्ट ने बेस्ट को नसीहत देते हुए ये भी कहा है कि इस मामले में इवे ट्रांस कंपनी की ओर बेस्ट का झुकाव भी सही नहीं है, इसलिए यदि बेस्ट चाहे तो वह नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया जारी कर सकता है।
गौरतलब है कि बेस्ट ने १,४०० इलेक्ट्रिक बस के लिए २ हजार ४५० करोड़ रुपए का टेंडर निकाला था।
न्यायमूर्ति एस.वी. गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने पिछले दिनों इस मामले को लेकर टाटा मोटर्स की ओर से दायर की गई याचिका पर अपना पैâसला सुरक्षित कर लिया था। याचिका में टाटा मोटर्स ने बेस्ट के पैâसले को मनमाना बताया था किंतु मंगलवार को अपना पैâसला सुनाते हुए खंडपीठ ने कहा कि टाटा मोटर्स को अपात्र ठहराने का बेस्ट का निर्णय सही है। इसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
बेस्ट ने २६ फरवरी को सिंगल डेकर एसी बसों के लिए टेंडर जारी किया था। कंपनी ने २५ अप्रैल को तकनीकी और आर्थिक दोनों निविदाएं बेस्ट के सामने प्रस्तुत की थी किंतु ६ मई को बेस्ट ने टाटा की निविदा में तकनीकी खामियां पाई। कंपनी ने अपनी याचिका में कहा कि बेस्ट ने नियमों के अनुसार उनकी निविदा पर ध्यान नहीं दिया और जानबूझकर उन्हें अयोग्य करार दिया है। हालांकि कोर्ट में कंपनी के आरोप को बेस्ट ने गलत बताया और सभी आवश्यक कार्यवाही नियमानुसार करने की जानकारी कोर्ट को दी।
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