भायखला स्थित रानीबाग चिड़ियाघर में बढ़ा पर्किंग शुल्क... अब देने होंगे 30 रुपए
Parking fee increased in Ranibagh Zoo located in Byculla... now you will have to pay 30 rupees
मनपा ने पर्किंग शुल्क में वर्ष 2009 के बाद लगभग 15 सालों के बाद शुल्क में फेरबदल किया गया है। बता दे कि रानीबाग चिडिया घर मे पेंग्विन पक्षी आने के बाद पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ इतना ही मनपा की कमाई में भी भारी बढ़ोत्तरी हुई। पर्यटकों की रानीबाग चिड़ियाघर पर्यटक के रूप में पहली पसंद हो गया है। मनपा ने पर्यटकों को सुविधा के लिए चिड़ियाघर में कैफेटेरिया जैसी सुविधा उपलब्ध कराई है।
मुंबई : भायखला स्थित रानीबाग चिड़ियाघर में गाड़ियों को खड़ा करना अब मंहगा हो गया है। अभी तक 5 रुपए लगने वाला पर्किंग शुल्क बढ़कर 30 रुपए कर दिया गया है। यह तीन घंटे का शुल्क है, इसके बाद प्रति घन्य 10 रुपए अतिरिक्त लगेगा। बता दें कि रानीबाग चिड़ियाघर में आने वाले पर्यटकों को दो पहिया वाहन धारक को 5 रुपए पर्किंग शुल्क देना पड़ता था।
अब वह बढ़कर 30 रुपए किया गया है। यह पर्किंग शुल्क तीन घंटे के लिए होगा, जबकि तीन घंटे के बाद प्रति घंटे अतिरिक्त 10 रुपया देना होगा। इसी तरह चार पहिया वाहनों के लिए पहले 20 रुपया देना होता था। नए दर में अब 80 रुपया देना होगा। बढ़ी हुई कीमत शुरू के तीन घंटे के लिए होगी। मनपा ने पर्किंग शुल्क में बड़ा फेरबदल करते हुए यह नई दर लागू कर दी है।
मनपा ने पर्किंग शुल्क में वर्ष 2009 के बाद लगभग 15 सालों के बाद शुल्क में फेरबदल किया गया है। बता दे कि रानीबाग चिडिया घर मे पेंग्विन पक्षी आने के बाद पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ इतना ही मनपा की कमाई में भी भारी बढ़ोत्तरी हुई। पर्यटकों की रानीबाग चिड़ियाघर पर्यटक के रूप में पहली पसंद हो गया है। मनपा ने पर्यटकों को सुविधा के लिए चिड़ियाघर में कैफेटेरिया जैसी सुविधा उपलब्ध कराई है।
रोजाना 15 से 20 हजार पर्यटक रानीबाग चिड़िया घर में आते है। इसकी संख्या छुट्टी के दिनों में बढ़कर 30 हजार तक पहुँच जाती है गर्मी की छुट्टियों के समय अथवा किसी त्यौहार के समय पर्यटकों की संख्या 50 हजार पार कर जाती है। रानीबाग चिड़ियाघर में स्कूली बच्चों को लेकर घुमाने भी लाया जाता है। अभी गाड़ियों की होने वाली पर्किंग व्यवस्था में मात्र 100 से 120 गाड़ियां ही खड़ी की जा सकती है। चिड़ियाघर में और पर्किंग कि व्यवस्था करने की कई सालों से मांग की जा रही है लेकिन मनपा की ओर से संख्या बढ़ाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया।
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