महाराष्ट्र में महिला नर्सों की भर्ती को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा...1200 फर्जी महिला नर्स
Big fraud regarding recruitment of female nurses in Maharashtra... 1200 fake female nurses

नर्सिंग काउंसिल के कार्यालय से हैरान कर देने वाला का मामला सामने आया है। जहां 1,200 से अधिक नर्स पंजीकरण प्रमाण पत्र गायब पाए गए हैं। यह मामला शैक्षणिक दस्तावेजों की बिक्री से जुड़े घोटाले को उजागर करने का इशारा है। सही पंजीकरण संख्या और मुहर वाले इन प्रमाण-पत्रों के गायब हो जाने से हर कोई हैरान है। क्योंकि यह योग्य नर्सों को दिए जाने थे।
मुंबई: महाराष्ट्र नर्सिंग काउंसिल के कार्यालय से हैरान कर देने वाला का मामला सामने आया है। जहां 1,200 से अधिक नर्स पंजीकरण प्रमाण पत्र गायब पाए गए हैं। यह मामला शैक्षणिक दस्तावेजों की बिक्री से जुड़े घोटाले को उजागर करने का इशारा है। सही पंजीकरण संख्या और मुहर वाले इन प्रमाण-पत्रों के गायब हो जाने से हर कोई हैरान है। क्योंकि यह योग्य नर्सों को दिए जाने थे।
माना जा रहा है कि इन्हें अयोग्य उम्मीदवारों को दलालों के माध्यम से काला बाजारी कर बेचा गया है। वहीं इसको लेकर एमएनसी की भी नींद उड़ी हुई है। हमारे सहयोगी टीओआई ने मंगलवार के संस्करण में यह साफ किया है कि बीते चार सालों में बिना किसी दस्तावेजी साक्ष्य के 37,000 नए सहायक नर्सों के पंजीकरण आवेदन हुए हैं।
साल 2018-2021 के बीच के आंकड़ों को लेकर राज्य सरकार की ऑडिट रिपोर्ट में चौंकाने वाली खामियों का पता चला है। इससे महाराष्ट्र नर्सिंग काउंसिल (एमएनसी) की प्रणालियों और प्रथाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं। साल 2018 और 2019 के जो रिकॉर्ड लेखा परीक्षकों को मिले हैं वे इस ओर इशारा कर रहे हैं कि जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्र भेजे ही नहीं गए थे।
वहीं कुछ मामलों में रिकॉर्ड दिखाते हैं कि परिषद के जरिए 312 लाइसेंस जारी किए गए थे। लेकिन इनमें से महज 12 ही भेजे गए थे। वहीं लेखापरीक्षकों ने देखा कि बहुराष्ट्रीय कंपनी के अभिलेखों में यह नहीं बताया गया था कि उसने किसे दस्तावेज जारी किए थे। माना जाता है कि अधिकांश बेहिसाब प्रमाण-पत्र पैसा कमाने के मकसद से कालाबाजारी के लिए लाए गए थे।
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