मुंबई के अंधेरी आरपीएफ लगेज डिब्बे में सवार यात्रियों से २०० रुपए का दंड वसूला... आईजी, रेल मंत्री से की शिकायत
A fine of Rs 200 was collected from passengers traveling in Mumbai's Andheri RPF luggage compartment ... Complaint to IG, Railway Minister
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मुंबई की लाइफ लाइन कही जानेवाली लोकल ट्रेनों में पीक आवर के दौरान गलती से कोई यात्री स्पेशल ट्रेनों के लगेज डिब्बे में चढ़ जाता है तो पश्चिम रेलवे आरपीएफ के जवान टार्गेट को पूरा करने के लिए उसे अपना शिकार बनाने से बाज नहीं आते हैं।
मुंबई : मुंबई की लाइफ लाइन कही जानेवाली लोकल ट्रेनों में पीक आवर के दौरान गलती से कोई यात्री स्पेशल ट्रेनों के लगेज डिब्बे में चढ़ जाता है तो पश्चिम रेलवे आरपीएफ के जवान टार्गेट को पूरा करने के लिए उसे अपना शिकार बनाने से बाज नहीं आते हैं।
ऐसे यात्रियों को मामूली एनसी जैसे मामलों में भी गिरफ्तार करने की धमकी की जाती है। उन्हें इसकी सूचना घरवालों को देने की अनुमति तक नहीं दी जाती है, साथ ही नियमों के विपरीत उन्हें कई घंटो तक बंधक बनाकर रखा जाता है। इसी तरह से आरपीएफ का शिकार बने एक पीड़ित यात्री ने आरपीएफ के आईजी और रेलवे मंत्री से शिकायत की है।
मालाड में रहनेवाले पीड़ित सरफुद्दीन शेख ने २२ दिसंबर को सुबह सवा ९ बजे मालाड से चर्चगेट की तरफ जाने के लिए लोकल ट्रेन में सवार हुए थे। अंधेरी स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचते ही प्लेटफॉर्म पर पहले से मौजूद आरपीएफ के जवानों ने लगेज डिब्बे में सवार सभी यात्रियों को उतार लिया और उनके मोबाइल जब्त कर लिए।
सरफुद्दीन ने बताया है कि जब्त किए सभी मोबाईल उसके बैग में रख दिए। इसके बाद आई दो और ट्रेनों के लगेज डिब्बे से यात्रियों को पकड़ा गया। लगभग ४० -५० यात्रियों को एक साथ अंधेरी आरपीएफ कार्यालय में घंटो बिना किसी सूचना के रखा गया।
सरफुद्दीन ने आईजी से शिकायत में बताया है कि धारा १४७ और १५५ के अनुसार अगर कोई यात्री लगेज डिब्बे में यात्रा करता है तो रेलवे कर्मचारी पहले उन्हें मना करे। उसके बावजूद यात्रा करता है, तब उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन घटना के दिन ट्रेन से उतारे गए यात्रियों के परिजनों को सूचित किए बगैर उनका मोबाइल जब्त कर उन्हें आरपीएफ कार्यालय में बंधक बनाकर रखा गया।
बाद में एक सादे कागज पर हस्ताक्षर लेकर रेलवे कोर्ट में पेश किया गया। वहां सभी लोगों से २०० रुपए का दंड वसूल किया गया लेकिन कोई रसीद नहीं दी गई। सरफुद्दीन ने बताया है कि कार्रवाई के दौरान चार लोगों ने उनके साथ अन्य यात्रियों को पकड़ा था, जिसमें से दो लोग सादे ड्रेस में थे, जो यात्रियों से दुर्व्यवहार कर रहे थे।
बार-बार उन्हें मारने की धमकी दे रहे थे। इस बारे में रेलवे एक्टिविस्ट समीर झवेरी ने बताया कि यह कार्रवाई धारा ४३६ के तहत जमानती होने के कारण उन्हें तुरंत छोड़ना चाहिए था। यह यात्रियों का मूलभूत अधिकार है। लेकिन यात्रियों को नहीं छोड़ने पर आरपीएफ की धारा १४७ के अंतर्गत संबंधित अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए।
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