Sri Lanka ने भारत से 20 लाख अंडे मंगाए हैं...विपक्ष पर भड़की सरकार
Sri Lanka has ordered 20 lakh eggs from India… Government angry at the opposition
Sri Lanka ने अपने खाने की आपूर्ति को पूरा करने के लिए भारत से 20 लाख अंडे आयात किए हैं। व्यापार मंत्री नलिन फर्नांडो ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है। फर्नांडो ने संसद को बताया कि स्टेट ट्रेडिंग जनरल कॉर्पोरेशन ने अंडों का आयात किया था और इसका शिपमेंट आ गया है। स्टॉक को तीन दिनों के भीतर मार्केट में भेज दिया जाएगा। फर्नांडो ने बताया कि अंडे आयात करने का निर्णय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कैबिनेट कमेटी के निर्णय पर आधारित था।
कोलंबो: Sri Lanka ने अपने खाने की आपूर्ति को पूरा करने के लिए भारत से 20 लाख अंडे आयात किए हैं। व्यापार मंत्री नलिन फर्नांडो ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है। फर्नांडो ने संसद को बताया कि स्टेट ट्रेडिंग जनरल कॉर्पोरेशन ने अंडों का आयात किया था और इसका शिपमेंट आ गया है। स्टॉक को तीन दिनों के भीतर मार्केट में भेज दिया जाएगा। फर्नांडो ने बताया कि अंडे आयात करने का निर्णय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कैबिनेट कमेटी के निर्णय पर आधारित था।
इस बीच श्रीलंका सरकार ने बृहस्पतिवार को विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह कोलंबो में मौजूद विदेशी राजदूतों के साथ बैठक करके अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के महत्वपूर्ण बेलआउट कार्यक्रम को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। सरकार ने दावा किया कि देश में स्थानीय चुनावों में देरी को लेकर वैश्विक ऋणदाता से मदद के संबंध में कड़ी शर्तें लागू करवाने में सहयोग देने का अनुरोध करके विपक्ष बेलआउट कार्यक्रम को कमजोर कर रहा है।
श्रीलंका सरकार ने आईएमएफ की ओर से कर्ज में डूबे द्वीपीय देश को आर्थिक संकट से उबरने में मदद के लिए 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दिए जाने के कुछ दिन बाद यह आरोप लगाया है। मुख्य सरकारी सचेतक और शहरी विकास मंत्री प्रसन्ना रणतुंगा ने संसद में दावा किया कि विदेशी राजनयिकों के साथ एक गुप्त बैठक में विपक्ष ने उस समय कठोर शर्तें लागू करने का अनुरोध किया है, जब आईएमएफ मदद जारी करना शुरू कर सकता है। रणतुंगा ने कहा, “विपक्ष ने विदेशी राजदूतों से आईएमएफ की मदद में देरी करने या कड़ी शर्तें लागू करने का अनुरोध किया है।” उन्होंने कहा, “ऐसे समय में इस तरह की हरकतें न करें, जब लोग सड़कों पर उतर आए हैं।”
हालांकि, मुख्य विपक्षी दल समागी जना बालावेज्ञा (एसजेबी) ने विदेशी राजदूतों के साथ हुई बैठक का बचाव किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने विदेशी राजदूतों को स्थानीय परिषद चुनाव को स्थगित करने के श्रीलंका सरकार के फैसले से अवगत कराने के लिए उनके साथ बैठक की थी। मुख्य विपक्षी नेता सजिथ प्रेमदास ने इन आरोपों को खारिज किया कि विदेशी राजदूतों से मुलाकात का मकसद आंतरिक मुद्दों का इस्तेमाल कर देश को मिलने वाली महत्वपूर्ण विदेशी मदद में कटौती करवाना था। स्थानीय मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, बैठक में श्रीलंका में भारत के उप उच्चायुक्त विनोद जैकब, अमेरिकी राजदूत जूली जे चुंग और ब्रिटिश उच्चायुक्त सारा हल्टन मौजूद थीं।
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