मराठा प्रदर्शनकारियों के खेल से प्रशासन के सामने 'मुश्किल'... EVM की जगह बैलेट पेपर पर वोटिंग ?
'Difficult' for the administration due to the game of Maratha protesters... Voting on ballot paper instead of EVM?

धाराशिव जिले में 736 गाँव हैं. बार्शी और औसा तालुका में 150 से अधिक गाँव हैं। अगर 384 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े होते हैं तो चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से कराना पड़ेगा. मराठा आरक्षण के अनुरूप आगामी लोकसभा चुनाव में मराठा समुदाय से और अधिक नामांकन दाखिल होने की संभावना है. प्रशासन का कहना है कि अगर ज्यादा नामांकन आए तो ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराना पड़ेगा.
धाराशिव : मराठा आंदोलनकारियों के एक खेल ने जिला प्रशासन के सामने बड़ी पेंच पैदा कर दी है. मराठा आरक्षण के अनुरूप आगामी लोकसभा चुनाव में मराठा समुदाय से और अधिक नामांकन दाखिल होने की संभावना है. अगर ज्यादा आवेदन आए तो EVM की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराना पड़ेगा. मतपत्र और मतपेटी का उपयोग करना एक कठिन काम होगा. इस मामले में कलेक्टर डॉ. सचिन ओम्बासे ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है.
राज्य में मराठा आरक्षण की लड़ाई जारी है. जहां यह लड़ाई सफल हो रही है, वहीं सेगेसोयर को लेकर सरकार और मराठा प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव फिर से बढ़ गया है. मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने आरोप लगाया है कि सरकार ने मराठों को दस फीसदी आरक्षण देकर धोखा किया है. मराठा प्रदर्शनकारी अब चुनाव के जरिए अपना गुस्सा जाहिर करने की तैयारी में हैं. इसलिए अधिक उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का दांव चलने की संभावना है.
धाराशिव जिले में 736 गाँव हैं. बार्शी और औसा तालुका में 150 से अधिक गाँव हैं। अगर 384 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े होते हैं तो चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से कराना पड़ेगा. मराठा आरक्षण के अनुरूप आगामी लोकसभा चुनाव में मराठा समुदाय से और अधिक नामांकन दाखिल होने की संभावना है. प्रशासन का कहना है कि अगर ज्यादा नामांकन आए तो ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराना पड़ेगा.
यदि अधिक उम्मीदवारी के आवेदन आते हैं, तो जिला प्रशासन को मतपत्रों एवं मतपेटियों, अधिकारियों, वाहनों, अपर्याप्त जनशक्ति आदि का उपयोग करना पड़ेगा तथा कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. यदि उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती है, तो मतपत्र का आकार तदनुसार बड़ा हो जाएगा, यदि इसे मोड़ा जाएगा, तो मतपेटी में अधिक जगह घेर लेगी. प्रशासन के सामने यह भी एक बड़ी समस्या है. इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सचिन ओम्बासे ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. बताया गया है कि चुनाव बैलेट पेपर से कराना होगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस चोकलिंगम से मार्गदर्शन मांगा गया है.
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