मुंबई : राज्य की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए मुंबई में एक अभिलेखागार भवन का निर्माण
Mumbai: Construction of an archives building in Mumbai to preserve the rich heritage of the state
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महाराष्ट्र सरकार राज्य की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए मुंबई में एक अभिलेखागार भवन का निर्माण करेगी। महा अभिलेखागार भवन बांद्रा (पूर्व) में 6,691 वर्ग मीटर के भूखंड पर बनाया जाएगा। महाराष्ट्र राज्य में अब तक कोई अलग महाराष्ट्र अभिलेखागार भवन नहीं है। फिलहाल ऐतिहासिक मूल्यवान दस्तावेज एलफिंस्टन कॉलेज भवन में संग्रहित हैं ।
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार राज्य की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए मुंबई में एक अभिलेखागार भवन का निर्माण करेगी। महा अभिलेखागार भवन बांद्रा (पूर्व) में 6,691 वर्ग मीटर के भूखंड पर बनाया जाएगा। महाराष्ट्र राज्य में अब तक कोई अलग महाराष्ट्र अभिलेखागार भवन नहीं है। फिलहाल ऐतिहासिक मूल्यवान दस्तावेज एलफिंस्टन कॉलेज भवन में संग्रहित हैं ।
सांस्कृतिक मामलों के मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार ने विधान परिषद में जानकारी दी कि मुंबई में महाराष्ट्र पुराभिलेख भवन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पुराभिलेख भवन बांद्रा पूर्व में 6,691 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। 1821 में स्थापित मुंबई मुख्यालय वाले डीओए के पास विभाग द्वारा संरक्षित कुल 17.5 करोड़ ऐतिहासिक दस्तावेजों में से अनुमानतः 10.5 करोड़ ऐतिहासिक दस्तावेज मुंबई में हैं।
दुनिया भर में कई जगहों पर अभिलेखागार भवन पर्यटकों, विद्वानों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। ऐसे स्थानों के दस्तावेज उस शहर, राज्य और देश की ऐतिहासिक पहचान को संरक्षित करते हैं। महाराष्ट्र राज्य में अब तक कोई अलग महाराष्ट्र अभिलेखागार भवन नहीं था। हालांकि, राज्य सरकार ने अब इस भवन के निर्माण के लिए बांद्रा पूर्व में भूखंड अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली है। सरकार ने तीन महीने के भीतर ही इस जमीन पर कब्जा ले लिया है और जल्द ही इस परियोजना को आकार देने का काम शुरू हो जाएगा।
दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेज, सरकारी राजपत्र,सरकारी अभिलेख के साथ-साथ ऐतिहासिक दस्तावेजों को यहां संरक्षित कर विद्वानों और शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार के इस निर्णय से राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को काफी बढ़ावा मिलेगा और यह इमारत इतिहास प्रेमियों और विद्वानों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन होगी।
सांस्कृतिक मामलों के विभाग के अंतर्गत कार्यरत अभिलेखागार निदेशालय (डीओए) की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। 1889 से ये बहुमूल्य अभिलेख सर कावसजी जहांगीर रेडीमनी बिल्डिंग यानी एलफिंस्टन कॉलेज में सुरक्षित रखे गए हैं। सीमित स्थान के कारण उन्नत संरक्षण पद्धतियों को अपनाने और अतिरिक्त ऐतिहासिक अभिलेखों को स्वीकार करने में चुनौतियां उत्पन्न होती हैं। समय के साथ आधुनिक संरक्षण तकनीकों और भंडारण क्षमता में वृद्धि की आवश्यकता बढ़ गई है। शेलार ने कहा कि इस अमूल्य राष्ट्रीय धरोहर के सुरक्षित संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए, तापमान और आर्द्रता नियंत्रित अभिलेखागार कक्षों के साथ एक नया महा अभिलेखागार भवन बनाया जाएगा ।
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